डेढ़ साल बाद भी नहीं सुलझा महिला हॉकर्स कार्नर विवाद

पार्षद और नगर निगम प्रशासन आमने-सामने
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
भोपाल में बनाए गए पहले महिला हॉकर्स कार्नर को लेकर विवाद खड़ा हो गया । कांग्रेस पार्षद योगेंद्र सिंह चौहान ने अपने वार्ड-46 में रहने वाली महिलाओं को बिना लाटरी के दुकानें देने की मांग रखी है। श्री चौहान का कहना है ऐसा नहीं किये जाने पर वे हॉकर्स कार्नर नहीं खुलने देंगे। उनका कहना है महिलाओं की हिमायती प्रदेश सरकार यहाँ भेदभाव कर रही है। अभी तक यहां की दुकानों के लिए दो बार टेण्डर निकाले जा चुके है, लेकिन महिला हॉकर्स नहीं मिलने के कारण दुकानें खुलने में देरी हो रही है।
नूतन कालेज के सामने महिला हाकर्स कार्नर को लेकर इतना विवाद बढ़ गया है कि ऑफर होने के बाद भी नगर निगम प्रशासन हाकर्स कार्नर के संचालन की मंजूरी नहीं दे पा रहा है। निगम प्रशासन ने अधिकतम दर के आधार पर दुकानें के संचालन की बात कही है, लेकिन वार्ड पार्षद योगेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि वार्ड-46 के निवासरत महिला हाकर्स को ही दुकानें दी जाए। हाकर्स कार्नर नीति में भी यही प्रावधान है कि उस वार्ड के निवासरत को ही हाकर्स कार्नर में दुकानें संचालित करने की अनुमति दी जाए। नगर निगम प्रशासन जिस मंशा के साथ हाकर्स कार्नर का संचालन करवाना चाह रहा है, उससे तो भोपाल शहर के सैकड़ों दावेदार है, जो यहां काम के लिए आ जाएंगे। श्री चौहान ने बताया कि मैंने महापौर आलोक शर्मा और निगम प्रशासन से अनुरोध किया है कि बिना टेंडर के मेरे वार्ड की महिला हाकर्स चलाने वाली महिलाओं को इस हाकर्स कानर्र में जगह दी जाए।
नहीं किया आवेदन
नूतन कॉलेज के सामने बने वूमेन हॉकर्स कॉर्नर के लिए नगर निगम को महिला हॉकर्स नहीं मिल रहीं हैं। इसके लिए निगम दो बार टेंडर भी जारी कर चुका है। इसके लिए निगम ने तीन किलोमीटर के दायरे में काम करने करने वाली महिलाओं से आवेदन भी बुलाए हैं। शर्त रखी है कि महिला क्षेत्र में वे कम से कम छह महीने से व्यवसाय कर रही हों। इसका प्रमाण पत्र भी मांगा गया है। पहला विज्ञापन पांच जनवरी 2017 को निकाला गया है। हॉकर्स कॉर्नर बनकर तैयार है, लेकिन महिला हॉकर्स नहीं होने के कारण इसे चालू करने में देरी हो रही है। इसका संचालन पूरी तरह महिलाओं के हाथ में रहेगा।
पार्षद से विवाद
नगर निगम प्रशासन ने पार्षद योगेंद्र सिंह यादव के कहने पर एक बार फिर सिर्फ इसी वार्ड की महिला को संचालन का जिम्मा देने के लिए एनआईटी जारी की, लेकिन ऑफर नहीं मिलने के कारण दूसरी बार ओपन ऑफर दिया गया। इसके बाद भी पार्षद और नगर निगम प्रशासन में विवाद बरकरार है, जिसके कारण इस हाकर्स कानर्र का संचालन शुरू ही नहीं हो पाया है और लगभग डेढ़ साल से यह हाकर्स कार्नर धूल खा रहा है।
हाकर्स कार्नर नीति का नगर निगम प्रशासन खुद उल्लंघन कर रहा है। मेरे वार्ड में बने हाकर्स कार्नर के संचालन का जिम्मा भी मेरे ही वार्ड के गरीब लोगों को मिलना चाहिए, जबकि नगर निगम अन्य वार्ड या दूर दराज के लोगों को संचालन का जिम्मा देना चाह रहा है, जिसका विरोध मैं कर रहा हूं।
> योगेंद्र सिंह यादव, पार्षद, वार्ड-46


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