Maharashtra: NCP का बॉस कौन? अजित ने खुद को बताया अध्यक्ष, नहीं किया चाचा शरद पवार का जिक्र

Ajit Pawar vs Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के भीतर विभाजन पर निर्वाचन आयोग की सुनवाई के बीच, बगावती गुट के प्रमुख अजीत पवार ने मंगलवार को खुद को राकांपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया और एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के अपने कदम का बचाव किया. अजित पवार ने आठ अन्य राकांपा विधायकों के साथ शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल होने के बाद दो जुलाई को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में मंगलवार को 100 दिन का कार्यकाल पूरा किया.

इस अवसर पर जारी एक बयान में अजित पवार ने महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री दिवंगत यशवंतराव चव्हाण को अपना प्रेरणा स्रोत बताया. हालांकि, उन्होंने अपने चाचा और राकांपा के संस्थापक शरद पवार के नाम का जिक्र नहीं किया. उन्होंने यशवंतराव चव्हाण की विरासत पर भी दावा करते हुए कहा कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री से उन्हें लोगों के कल्याण के लिए काम करने की प्रेरणा मिलती है. शरद पवार (82) यशवंतराव चव्हाण को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं.

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार समाज के सभी वर्गों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राकांपा इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी लगन से कार्यरत है. स्वयं को राकांपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए अजित पवार ने एक बयान में कहा कि रोजगार, समाज के सभी वर्गों का आर्थिक सशक्तीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और सभी कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन राज्य सरकार की प्राथमिकता है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राकांपा सत्ता के माध्यम से इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. आलोचना किसी भी राजनेता के जीवन का अभिन्न अंग है. मैं हमेशा रचनात्मक आलोचना का संज्ञान लेता हूं. मैं सकारात्मक और विकासात्मक राजनीति में विश्वास करता हूं. मेरा भरोसा किसी भी काम को उसके तार्किक अंत तक ले जाने और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में है.’’ अजित पवार ने कहा, ‘‘राकांपा छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, शाहू महाराज, डॉ बी.आर. आंबेडकर और यशवंतराव चव्हाण के आदर्शों में विश्वास करती है. मेरे नेतृत्व में पार्टी इस विरासत को जारी रखेगी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में, कई शीर्ष नेताओं ने अलग-अलग राजनीतिक रुख अपनाया है. प्रत्येक नेता मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक स्थिति के आधार पर अपना रुख अपनाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे नेतृत्व में राकांपा ने दो जुलाई, 2023 को इसी तरह का रुख अपनाया और राज्य सरकार में शामिल हो गई.’’ निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नाम और चुनाव चिह्न पर अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के दावों पर सुनवाई की, हालांकि शरद पवार के नेतृत्व वाले पार्टी के धड़े ने तर्क दिया कि उनके प्रतिद्वंद्वी खेमे द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में विसंगतियां हैं.

आयोग ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न संबंधी दावों को लेकर शरद पवार तथा अजित पवार नीत खेमों की दलीलें सुनने के लिए अगली तारीख नौ नवंबर तय की. अजित पवार ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए आयोग का रुख किया था. उन्होंने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में राकांपा के 53 विधायकों में से 42, नौ विधान पार्षदों में से छह, नगालैंड में सभी सात विधायकों और राज्यसभा तथा लोकसभा में एक-एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)


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