2011 से 2018 तक देश में बैंकिंग फर्जीवाड़े का लेखा-जोखा लग चुका है फर्जीवाड़े से 227.43 अरब रुपए का चूना 

 

एजेंसी.नई दिल्ली

भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) बेंगलुरु के अध्ययन में पता चला है कि देश के सरकारी बैंकों को 2012 से 2016 के बीच फर्जीवाड़े से कुल 227.43 अरब रुपए का चूना लग चुका है। उधर, सूचना-तकनीकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रिजर्व बैंक ऑफ  इंडिया के आंकड़ों का हवाला देते हुए संसद को बताया था कि 1 जनवरी से 21 दिसंबर 2017 तक 179 करोड़ रुपए के बैंक फर्जीवाड़े के 25,800 से ज्यादा मामले सामने आए। इन फर्जीवाड़ों को के्रडिट- डेबिट काड्र्स और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अंजाम दिया गया था। मार्च 2017 में आरबीआई ने जो आंकड़े जारी किए, उनके मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 के पहले नौ महीनों में आईसीआईसीआई बैंक से 1 लाख रुपए और ज्यादा की रकम के 455 फर्जी ट्रांजैक्शन पकड़े गए जबकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 429, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के 244 और एचडीएफसी बैंक के 237 फर्जी ट्रांजैक्शन सामने आए। आंकड़े बताते हैं कि स्टेट बैंक ऑफ  इंडिया के 64 एंप्लॉयीज, एचडीएफसी बैंक के 49 एंप्लॉयीज जबकि ऐक्सिस बैंक के 35 एंप्लॉयीज की भूमिका इन फर्जी ट्रांजैक्शंस में पाई गई। अप्रैल से दिसंबर 2016 के बीच 177.50 अरब रुपय के फर्जीवाड़े के 3,870 मामले दर्ज करवाए गए। इन फर्जीवाड़ों में निजी और सरकारी बैंकों के 450 एंप्लॉयीज लिप्त थे।

2011 – सेंट्रल ब्यूरो ऑफ  इंवेस्टिगेशन को पता चला कि बैंक ऑफ  महाराष्ट्रए सेंट्रल बैंक, ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और आईडीबीआई में 10 हजार जाली खाते खोले गए और 1.5 अरब रुपये मूल्य का लोन दे दिया गया।

2014 – मुंबई पुलिस ने 7 अरब रुपए के फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रॉड में सरकारी बैंकों के कुछ अधिकारियों के खिलाफ  नौ एफआईआर दर्ज की थी। इलेक्ट्रोथर्म इंडिया नाम की कंपनी ने सेंट्रल बैंक ऑफ  इंडिया को 4.36 अरब रुपए का चूना लगाया।  कोलकाता के उद्योगपति बिपिन वोहरा ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे 1.4 अरब रुपए का लोन लेकर कथित तौर पर सेंट्रल बैंक ऑफ  इंडिया से ठगी कर ली।  सिंडिकेट बैंक के पूर्व चेयरमैन और एमडी एस के जैन द्वारा रिश्वत लेकर 80 अरब रुपए का लोन देने का मामला।

2015 – जैन इंफ्राप्रॉजेक्ट्स के कर्मचारियों ने सेंट्रल बैंक ऑफ  इंडिया के साथ कथित तौर पर 2.12 अरब रुपए के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने फॉरन एक्सचेंज स्कैम में 60 अरब रुपए का फर्जीवाड़ा किया। इसमें नकली हॉन्ग कॉन्ग कॉर्पोरेशन का भी सहारा लिया गया था।

2016 -चार लोगों ने सिंडिकेट बैंक में 386 अकाउंट्स खुलवाकर 10 अरब रुपए का फर्जीवाड़ा किया। बैंक को चूना लगाने के लिए उन लोगों ने जाली चेक, लेटर ऑफ  के्रडिट्स और एलआईसी पॉलिसीज का सहारा लिया।

2017- सीबीआई ने आईडीबीआई बैंक का 9.5 अरब रुपए का लोन वापस नहीं करने के आरोप में यूनाइटेड ब्रूअरीज के पूर्व चेयरमैन विजय माल्या और 10 अन्य लोगों के खिलाफ  आरोप पत्र तैयार किया। सीबीआई ने 11.61 अरब रुपए की दोषपूर्ण हानि के आरोप में पांच सरकारी बैंकों के खिलाफ  एफआईआर दर्ज की और डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स के खिलाफ  6 चार्जशीट दायर किए। सीबीआई ने 20 बैंकों को 22.23 अरब रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में कोलकाता के नामी-गिरामी कारोबारी नीलेश पारेख को गिरफ्तार किया।  सीबीआई दो सरकारी बैंकों को 2.9 अरब रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में अभिजीत ग्रुप के प्रमोटर्स और कैनरा बैंक के पूर्व डीजीएम को गिरफ्तार किया।  सीबीआई ने 8.36 अरब रुपए मूल्य के कथित घोटाला मामले में बैंक ऑफ  महाराष्ट्र के पूर्व जोनल हेड और सूरत की एक प्राइवेट लॉजिस्टिक्स कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

2018 – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आंध्र बैंक के डायरेक्टर को 5 अरब रुपए के कथित बैंक फ्रॉड के आरोप में गिरफ्तार किया। इस फर्जीवाड़े में गुजरात की एक फार्मा कंपनी भी शामिल है।


facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें