कागजों में ही कैद रह गए अंधेरे से मुक्ति दिलाने के प्रस्ताव

1 करोड़ 25 लाख की फाइल खा रही धूल
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
कटारा और होंशगाबाद रोड क्षेत्र की 27 कालोनियों में अंधेरे की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम द्वारा करीब 1 करोड़ 25 लाख की फाइल तो बनाई गई मगर कई साल बीत बीतने के बाद भी जनता को अंधेरे से मुक्ति नहीं मिल पाई है। स्थानीय रहवासियों का आरोप है कि नगर निगम टैक्स तो वसूल कर रहा है लेकिन सुविधाओं के लिए बाशिंदों को राहत नहीं मिल पा रही है। रहवासी रवि श्रीवास्तव का कहना निगम में आने के बाद भी यहां सुविधाओं के लिए कोई भी प्रयास निगम प्रशासन द्वारा नहीं किए गए जा रह है। बताया जाता है कि पॉश कालोनियों वाले इस क्षेत्र के मुख्य मार्ग पर रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए 3 बार प्रस्ताव तैयार किए गए मगर आज भी यहां अंधेरे की काली छाया बरकरार है। नगर निगम में आने वाले इस क्षेत्र में रात्रि के समय आवागमन करने वाले लोगों में भय का माहौल बना रहता है। वहीं तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज ने इस क्षेत्र का दौरा कर जनता की समस्या सुनकर लाइट लगाने का भरोसा दिलाया था, मगर उनके तबादले के बाद इस प्रस्ताव की फाइल को अफसरों द्वारा दबा दिया गया है।
10 हजार की आबादी प्रभावित
कटारा हिल्स से बायपास, 11 मील से समरधा, 11 मील से दीपड़ी, बायपास से छान तक स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए नगर निगम के अफसरों से कई बार बात की है। इस क्षेत्र की करीब 10 हजार आबादी को अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है। यहां की प्रमुख कालोनियों में कटारा हिल्स, स्प्रिंग वैली, पैराडाइज कालोनी, कृष्णा होम्स, रामायण कालोनी, 360 कालोनी, आकृति इको सिटी, अल्टाटिंका कालोनी सहित लगभग 27 कालोनियों के पहुंच मार्ग पर अंधेरा मडराया हुआ है।
तीन बार बनाया गया इस्टीमेट
बताया जाता है कि कटारा हिल्स से बायपास, 11 मील से समरधा, 11 मील से दीपड़ी तक स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए नगर निगम तीन बार एस्टीमेट तैयार कर चुका है। नगर निगम के एई द्वारा 3 बार स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए फाइल स्वीकृति के लिए अफसरों के पास भेजी, लेकिन स्वीकृति नहीं दी जा रही है। बिजली विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते बांशिदों को अंधेरे से संघर्ष करना पड़ रहा है। यह क्षेत्र 3 साल पहले नगर निगम में शामिल किया गया है परंतु इस क्षेत्र के विकास पर अफसरों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कटारा और उसके आसपास बसी करीब दो दर्जन कालोनियों में अंधेरे की समस्या का समाधान करने के लिए 1 करोड़ 25 लाख का स्टीमेट है। तीन बार इसे बनाय गया, लेकिन निगम अफसरों की उदासीनता के चलते इस पर काम नहीं हो पा रहा है। इस मामले को लेकर महापौर आलोक शर्मा से चर्चा हुई है जल्द ही काम कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
> कामता पाटीदार, पार्षद वार्ड 85


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