बाघों को करंट से बचाने रात में होगी गश्ती – संवेदनशली वन क्षेत्रों में वन और बिजली कर्मचारी घूमेंगे साथ-साथ – सरकार ने बिजली कंपनियों से मांगा सहयोग

विशेष संवाददाता,भोपाल
प्रदेश में बाघों की करंट से होने वाली मौतों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने बिजली कंपनियों से सहयोग मांगा है। बिजली कंपनियों से कहा गया है कि वे वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर संवेदनशील वन क्षेत्रों और उसके आसपास के ग्रामों से गुजरने वाली बिजली लाइनों की रात्रिकालीन गश्त करें।
प्रदेश में पिछले दो सालों में करंट से करीब एक दर्जन से ज्यादा बाघों की मौत हुई है। इन घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। मालूम हो कि नेशनल टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के गांवों में लोगों ने अपनी खेतों की सुरक्षा के लिए अवैध कनेक्शन ले रखे हैं। शिकारी भी इसका फायदा उठाकर बाघों का शिकार कर रहे हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए हाल ही में अपर मुख्य सचिव वन दीपक खांडेकर और प्रमुख सचिव ऊर्जा आईसीपी केसरी के बीच बैठक हुई थी। बैठक में यह तय हुआ है कि वन विभाग के कर्मचारी बिजली कर्मचारियों के साथ मिलकर संवेदनशील वन क्षेत्रों में रात्रिकालीन संयुक्त गश्ती करेंगे। वन अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील वन क्षेत्रों एवं उनके आसपास के ग्रामों को चिन्हित कर इसकी जानकारी बिजली कंपनियों को उपलब्ध कराएंगे। साथ ही इन ग्रामों एवं वन क्षेत्रों में जहां-जहां पर 11 केवी व एलटी लाइन गुजरती है, उसकी जानकारी मानचित्र पर अंकित कर संबंधित बीट एवं परिक्षेत्र सहायक वृत्त के प्रभारी को उपलब्ध कराई जाएगी। संवेदनशील वन क्षेत्रों में जहां इस प्रकार की घटनाएं आमतौर पर होती है, वहं 11 केवी बिजली लाइनोंपर फॉल्ट रिले अवश्य लगाया जाए। 11केवी बिजली लाइनों के समस्त ट्रिपिंग ऑन अर्थ फॉल्ट वन विभाग के साथ मिलकर तय करेंगे। यह भी तय हुआ कि जिस क्षेत्रों में नइ बिजली लाइन डाली जा रही है वह निर्धारित ऊंचाई से नीची न हो। दोनों विभागों के कर्मचारियों की संयुक्त गश्ती के लिए रोस्टर तय किया जाए। साथ ही इन संयुक्त दलों को रात्रिकालीन गश्त भी करने के लिए कहा है। इसकी हर महीने समीक्षा होगी। गश्ती दल को वाहन वन विभाग मुहैया कराएगा। शिकार करते या अवैध कनेक्शन के मामले में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षक अधिनियम 1972 एवं विद्युत अधिनियम 2003 की उपयुक्त धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किए जाएंगे। बैठक में यह भी तय किया गया है कि पुलिस तथा स्थानीय गुप्तचर इकाइयों के सहयोग से अपराधियों के संबंध में जानकारी एकत्रित की जाए और मुखबिरों को पुरस्कृत करने के साथ उनका नेटवर्क तगड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं। मालूम हो कि पिछले दिनों एनटीसीए ने राज्य सरकार को अपना मुखबिर तंत्र मजबूत और विकसित करने की एडवायजरी जारी की थी।
राज्य सरकार ने अपने सभी मुख्य वन संरक्षक, टाइगर रिजर्व के फील्ड संचालक, मैदानी अमले के साथ ही बिजली कंपनियों के अमले को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।


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