भोपाल से आदेश लेकर ही जाएंगे, चाहे हमारी गर्दन कट जाए

प्रदर्शन ॥ प्रभात झा के बयान पर उबले अतिथि शिक्षक, नए शहर में मची अफरा-तफरी
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। अतिथि शिक्षक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभात झा द्वारा मुंडन कराने पर दिए बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मुंडन तो क्या हम गर्दन कटाने के लिए तैयार हैं और जब तक नियमितीकरण के आदेश नहीं हो जाते तब तक हम यहां से हटने को तैयार नहीं हैं, चाहे हमारी गर्दन ही क्यों न काट दी जाए।
प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। स्कूलों द्वारा उन्हें नाम मात्र का वेतन दिया जाता है, जिसके चलते इस महंगाई के दौर में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। हमारी भर्ती हुए दस वर्ष बीत चुके हैं, कई राज्यों में अतिथि शिक्षकों को नियमित कर दिया है, लेकिन प्रदेश सरकार नियमित नहीं कर रही है, जिसे देखते हुए संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले और प्रदेश अध्यक्ष शंभुचरण दुबे के नेतृत्व में आंदोलन करना पड़ रहा है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अब हम आदेश लेकर ही वापस जाएंगे। प्रभात झा द्वारा दिए गए बयान की निंदा करते हुए शिक्षकों ने कहा कि वे अपने केस तो क्या गर्दन कटाने के लिए तैयार हैं, सीने मेंं पुलिस की गोली खाने को तैयार है, डण्डे खाने को तैयार हैं, लेकिन यहां से हटने वाले नहीं हैं।
पुलिस ने तरुण पुष्कर पर लगाए बैरिकेट्स
अतिथि शिक्षकों द्वारा सेकण्ड स्टॉप से होते हुए 74 बंगले से रैली निकालने की योजना को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने यहां पुख्ता इंतजाम कर रखा है। पुलिस ने लिंक रोड 1 तरुण पुष्कर के सामने चार से पांच लाइनों में बैरिकेट्स लगाए गए हैं। सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल को वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्देशित किया है कि शिक्षकों को यहां से आगे नहीं बढऩे देना है।
80 हजार शिक्षकों की
चिंता नहीं
बालाघाट से आए छगनपात्रे का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 80 हजार शिक्षकों की चिंता नहीं है। उन्होंने अन्य कर्मचारियों की मांग पूरी कर दी है, लेकिन अतिथि शिक्षकों की केवल एक नियमितीकरण की मांग पूरी नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि अतिथि शिक्षकों को भर्ती को दस वर्ष हो गए हैं, लेकिन उन्हें इतना भी मानदेय नहीं दिया जाता है, जिससे परिवार का भरण पोषण किया जा सके। राजगढ़ के जिला अध्यक्ष सत्येन्द्र नागर, प्रदी धनगर, का कहना है कि अतिथि शिक्षकों को तीन वर्गों में बांटा गया है। वर्ग-1 0को 4300 रुपए, वर्ग-2 को 3400 रुपए, वर्ग-3 को 2500 रुपए मानदेय दिया जाता है, जिसमें 300 रुपए बाबू ले लेते हैं, रविवार का मानदेय काट लिया जाता है।


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