अब भोपाल की स्पेशल कोर्ट में ही सुने जाएंगे सांसद-विधायकों से जुड़े केस

जबलपुर/भोपाल.आखिरकार सांसद और विधायकों के खिलाफ पेंडिंग क्रिमिनल मामलों की ट्रायल अब से भोपाल में ही चलेगी। हाईकोर्ट ने मौजूदा सांसद और विधायकों से जुड़े क्रिमिनल केसों की ट्रायल के लिए राजधानी में एक स्पेशल सेशन कोर्ट गठित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह कोर्ट 1 मार्च से अपना कामकाज शुरू कर देगी। हालांकि, इस स्पेशल कोर्ट के लिए जज की नियुक्ति अभी नहीं की गई है। हाईकोर्ट सूत्रों के मुताबिक अगले 4 दिन बाद एक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश की नियुक्ति भोपाल में कर दी जाएगी।

प्रदेश के 68 विधायक और 10 सांसदों के खिलाफ क्रिमिनल केस

प्रदेश में जनप्रतिनिधियों से जुड़े केसों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह रोजाना सुनवाई होगी। प्रदेश में सांसद और विधायकों के खिलाफ लगभग 130 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। 68 विधायक और 10 सांसदों के खिलाफ क्रिमिनल केस चल रहे हैं। इनमें से 43 विधायक और 2 सांसद ऐसे हैं, जिनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, बलवा, दंगा जैसे गंभीर क्रिमिनल मामले दर्ज है।

प्रदेश के बाहर के केसों पर अभी असमंजस

प्रदेश के किसी जनप्रतिनिधि पर यदि दूसरे राज्य में केस दर्ज है तो ऐसे केसों की फास्ट्रैक ट्रायल कैसे होगी, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल का कहना है कि इस संबंध में शीर्ष अदालत से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। इसलिए ऐसे केसों के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

हाईकोर्ट के निर्देश पर लगभग 140 केसों की सूची तैयार

प्रदेश के वर्तमान सांसद और विधायकों से जुड़े लगभग 130 क्रिमिनल केसों की प्रारंभिक सूची मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तैयार कराई है, जो प्रदेशभर की अलग-अलग जिला अदालतों में पेंडिंग है। इन सभी पेंडिंग क्रिमिनल केसों को भोपाल में गठित विशेष कोर्ट में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए सभी अधीनस्थ जिला अदालतों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कोर्ट के समन जारी करने पर संबंधित सांसद या विधायक को विशेष कोर्ट के समक्ष हाजिर होना पड़ेगा।

सह-आरोपी का भी केस होगा ट्रांसफर
यदि किसी अपराधिक केस में जनप्रतिनिधि मुख्य आरोपी नहीं है, लेकिन मददगार या शरण देने के मामले में वह सहआरोपी है तो ऐसे केसों की ट्रायल भी भोपाल की विशेष न्यायालय में चलेगी। इसलिए ऐसे केस जिनमें कोई सांसद या विधायक किसी न किसी रूप में सहआरोपी है, उन केसों को भी प्रदेशभर से भोपाल ट्रांसफर किया जाएगा।

दो माह पहले… सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय को निर्देश दिए थे कि विभिन्न प्रदेशों में वर्तमान सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ पेंडिंग क्रिमिनल केसों की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट गठित की जाए। शीर्ष कोर्ट ने संबधित हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सहमति बनाकर राज्य सरकार को कोर्ट के गठन की जिम्मेदारी सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि ये विशेष कोर्ट 1 मार्च से कामकाज शुरू करे। शीर्ष कोर्ट के आदेश के पालन में चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता के निर्देश पर हाईकोर्ट के ओएसडी विवेक सक्सेना ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी है।

इन 42 विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं गंभीर क्रिमिनल केस

बीजेपी: अमरसिंह यादव (राजगढ़), अंचल सोनकर (जबलपुर पूर्व), अरुण भीमावत (शाजापुर), बहादुर सिंह (महिंदपुर), भंवरसिंह शेखावत (बदनावर), दिलीप शेखावत (नागदा-खाचरोद), इंदर सिंह परमार (कालापीलल), जयभान सिंह पवैया (ग्वालियर), जालमसिंह पटेल (नरसिंहपुर), कालूसिंह (धर्मपुरी), लालसिंह आर्य (गोहद), मनोज पटेल (देपालपुर), मोती कश्यप (बदवारा), मुरलीधर पाटीदार (सुसनेर), नरेंद्र सिंह कुशवाह (भिंड), राजेश सोनकर (सांवेर), राजेश यादव (गरोठ), रमाकांत तिवारी (त्यौंथर), रमेश मेंदोला (इंदौर-2), रंजना बघेल (मनावर), संजय पाठक (विजयराधौगढ़), संजय शर्मा (तेंदूखेड़ा), सतीश मालवीय (घाटिया), सत्यापाल सिंह (सुमावली), सुदर्शन गुप्ता (इंदौर), सुरेंद्रनाथ सिंह (भोपाल मध्य), वेलसिंह (भूरिया), विश्वास सारंग (नरेला)। aबसपा: बलवीर सिंह (दिमनी)। कांग्रेस : दिनेश राय मुनमुन (सिवनी), गिरीश कुमार (नरसिंगगढ़), गोपाल सिंह चौहान (चंदेरी), जीतू पटवारी (राउ-इंदौर), केपी सिंह (पिछोर), कलसिंह भाभर (थांदला), महेंद्र सिंह (बमोरी), निशंक कुमार जैन (बसौदा), सिंह (अमरपाटन), सोहनलाल बाल्मीक (परासिया), सुखेंद्र सिंह (मऊगंज), तरुण भानोट (जबलपुर वेस्ट), विक्राम सिंह (राजनगर)।
(सोर्स : एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट 2013-14)

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद फहीम अनवर ने बताया कि चीफ जस्टिस की अनुमति से भोपाल में विशेष कोर्ट का गठन किया गया है। इस कोर्ट में केवल वर्तमान सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ दर्ज क्रिमिनल मामलों की ही सुनवाई होगी। जज की नियुक्ति अगले 4-5 दिन में कर दी जाएगी।


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