डिप्लोमा इंजीनियरों ने दिया धरना

प्रदर्शन ॥ मांगें नहीं मानी तो 20 से होगा असहयोग आंदोलन
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
डिप्लोमा इंजीनियरों को वेतन में वृद्धि करने, समयमान वेतनमान देने, पदोन्नति के लिए पद सृजित करने सहित अन्य मांगों को लेकर आज डिप्लोमा इंजीनियरों ने मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के बैनर तले 12 दफ्तर के पास धरना दिया। डिप्लोमा इंजीनियरों ने चेतावनी दी है कि यदि 20 मार्च के पहले मांगों का निराकरण नहीं होता है तो असहयोग आंदोलन किया जाएगा।
धरना दे रहे डिप्लोमा इंजीनियरों का कहना है कि संगठन द्वारा शासन के समक्ष मांगों को लेकर 10 अप्रैल 2017 को मुख्यमंत्री से चर्चा हुई थी। मांगों के विधिवत निराकरण करने की दिशा में कार्यवाही करते हुए अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग, मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया, जिसे एक माह की समय सीमा में प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया था। मुख्यमंत्री के आश्वासन पर विश्वास करते हुए संघ ने अपना आंदोलन स्थगित किया, किन्तु 11 माह का समय व्यतीत होने के उपरांत भी शासन स्तर पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। शासन ने संघ के साथ विश्वासघात किया है। संघ के सदस्य अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 16 मार्च तक धरना दिया जाएगा। यदि इसके बावजूद मांगों का निराकरण नहीं होता है तो 20 मार्च से संघ के बैनर तले असहयोग आंदोलन किया जाएगा। मांगों का ज्ञापन मप्र राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा को सौंपा गया। इस दौरान प्रांताध्यक्ष देवेन्द्र सिंह भदौरिया, महामंत्री आरकेएस तोमर सहित अन्य इंजीनियर उपस्थित थे।
उपयंत्रियों की प्रमुख मांगें
उपयंत्री संवर्ग को प्रारंभिक वेतनमान ग्रेड वेतन 3200 के स्थान पर 4800 स्वीकृत किया जाए। मप्र शासन, केन्द्र शासन की विभिन्न योजनाओं में कार्यरत डिप्लोमाधारी, डिग्रीधारी आर्हता प्राप्त संविदा, कार्यभारित स्थापना में कार्यरत उपयंत्रियों तथा निचले पदों पर कार्यरत तकनीकी अर्हता प्राप्त कर्मचारियों को उपयंत्रियों के विभागीय नियमित स्थापना के रिक्त, सृजित पदों के विरुद्ध नियमित किया जाए। उपयंत्री संवर्ग को त्रिस्तरीय वेतनमान (समयमान) देने के आदेश जारी किए जाएं। उपयंत्री संवर्ग को पूर्ण सेवाकाल में एक भी पदोन्नति का अवसर प्राप्त नहीं होता। वर्तमान में प्रचलित पदोन्नति प्रक्रिया के चलते एवं पदोन्नति हेतु सृजित पदों के अभाव के कारण इस संवर्ग के लिए पदोन्नति के अवसर नहीं मिल पाते हैं।


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