कर्ज से कितने किसानों ने की खुदकुशी जवाब देने से कतराई सरकार

विधानसभा संवाददाता ॥ भोपाल
भावांतर भुगतान योजना और किसानों के लिए शुरू की गई योजनाओं से संबंधित सवालों के जवाब देने में आगे रहने वाली प्रदेश सरकार किसानों पर कर्ज और उससे होने वाली आत्महत्या से जुड़े सवाल का जवाब देने से कतरा रही है। विधानसभा में इस संबंध में लगाए गए सवाल को जानकारी जुटाने का हवाला देकर टाल दिया गया है।
कांग्रेस विधायक डॉ गोविंद सिंह ने इस बारे में सवाल पूछा था कि एक अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कितने किसानों और मजदूरों ने फसल खराब होने अथवा कर्ज के कारण आत्महत्याएं की हैं। विधायक ने इसका जिलेवार ब्यौरा मांगा और पूछा कि किसानों की आत्महत्या में वृद्दि के क्या कारण हैं। उन्होंने जनवरी 2018 में घर के आंगन में लगे पेड़ पर फांसी लगाने वाले टीकमगढ़ जिले के किसान द्वारा दीवार पर कर्ज का हिसाब लिखे जाने के बारे में भी सवाल पूछा। इसी तरह नीमच जिले के किसान विनोद पाटीदार द्वारा साहूकारों द्वारा कर्ज के लिए परेशान करने की बात कह कर प्रधानमंत्री से इच्छामृत्यु की भी मांग की गई है तो इन दोनों प्रकरणों में पुलिस द्वारा किन धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर क्या कार्यवाई की गई है। गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने लिखित जवाब में बताया कि इन सभी बिंदुओं पर जानकारी संकलित की जा रही है। विधायक गिरीश गौतम के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी संबंधी सवाल पर भी खाद्य मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने जानकारी एकत्रित करने संबंधी जवाब दिया है। गौतम ने पूछा था कि धान खरीदी के लिए कितने केंद्र बनाए गए और कितनी खरीदी हुई है।
नरेला के खतरनाक अपराधियों की सूची मांगी
विधायक सुखेंद्र सिंह ने गृह मंत्री से भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत थानों में एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2017 तक सूची में दर्ज खतरनाक अपराधियों के नाम और पते पूछे। गृह मंत्री ने इनकी जानकारी संकलित किए जाने संबंधी जवाब दिया है।
विभागों के जवाब पर भाजपा विधायकों की आपत्ति, पटवारी करते हैं बहुत गड़बड़
मुख्य प्रतिनिधि ॥ भोपाल
सदन में विभागों द्वारा दिए जाने वाले जवाब पर आज भाजपा के विधायकों ने ही आपत्ति जताई। साथ ही गलत व आधे-अधूरे जवाब देने का आरोप लगाया। पुष्पेंद्र नाथ पाठक ने कहा कि पटवारी बहुत गड़बड़ करते हैं। अधिकांश विभाग प्रश्नों का उत्तर अपनी सुविधा के अनुसार देते हैं। यह मामला प्रश्नकाल के दौरान उठा। जब भाजपा के विधायक पाठक ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि विभागों से जो जानकारी मांगी जाए, वह नहीं दी जाती। भाजपा के ही मुरली पाटीदार ने भी कहा कि उन्होंने सिंचित या असिंचित कृषि भूमि की जानकारी मांगी थी- लेकिन विभाग देना नहीं चाहता। जमीन का स्टेटस मांगा था जो पटवारी रिकॉर्ड में है। मगर कोई जानकारी नहीं दी जा रही। इस पर राजस्व मंत्री उमाशंकर मंत्री गुप्ता ने कहा कि तीन दिन में पूरी जानकारी दे देंगे। नाप-तौल निरीक्षक की नियुक्तियों में अनियमितता कांग्रेस विधायक मुकेश नायक नाप-तौल निरीक्षकों की नियुक्तियों का मामला उठाकर सरकार को व्यापमं घोटाले में घेरने की कोशिश की। इसे लेकर खाघ एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे से भी नायक की नोक-झोंक हुई। धुर्वे का कहना था कि 27 पदों के लिए विज्ञापन जारी किए थे। इस पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस के मुकेश नायक ने कहा कि 27 नहीं 33 पदों के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। विभागीय मंत्री का कहना था कि विज्ञापन के जरिये 27 ही पद भरे गए हैं। बाद में 6 पद विभाग ने भरे। इस पर नायक ने कहा कि विधानसभा में जो उत्तर दिया है, उसमें कहा है कि 52 पदों के लिए नियुक्तियां की हैं। मंत्री धुर्वे ने कहा कि जो फंसाने वाला प्रश्न पूछना चाह रहे हैं, वो प्रश्न नहीं पूछ पा रहे हैं। जब तक प्रश्न नहीं पूछेंगे में बताऊंगा भी नहीं। इस पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहाकि मतलब मंत्री जी को मालूम है कि घोटाला हुआ है। जवाब पर नाराजगी जताते हुए विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।


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