दाखिले नहीं तो बंद होंगे हिन्दी विवि के 31 से अधिक कोर्स

समन्वय समिति के पास रखा जाएगा प्रस्ताव
उमा प्रजापति ॥ भोपाल
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय अगले शिक्षण सत्र में ऐसे कोर्स बंद कर सकता है, जिनमें छात्रसंख्या 5 से कम है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव को समन्वय समिति के पास रखा जाएगा। यदि समिति की मंजूरी मिलती है तो इन्हें बंद कर कुछ ऐसे कोर्स शुरू किए जाएंगे जो वर्तमान डिमांड के अनुसार हैं एवं विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। दरअसर विश्वद्यालय में कई कोर्स ऐसे हैं जिनमें पिछले छह वर्षों में दाखिले की संख्या या तो शून्य है या फिर एक से दो छात्रों ने ही एडमिशन लिया है।
पर्याप्त छात्रों के अभाव में विवि के लिए यह कोर्स अब बोझ बनाने लगे हैं। विवि प्रशासन का इस संबंध में स्पष्ट कहना है कि एक या दो छात्रों के लिए विवि कोर्स संचालित नहीं कर सकता। इनके संचालन से विवि को घटा उठाना पड़ रहा है। स्थिति को देखते हुए विवि के कुलपति डॉ. रामदेव भारद्धाज ने पदभार गृहण करने के साथ ही ऐसे कोर्स बंद करने का फैसला लिया था, जिनमें 5 से कम दाखिले हुए हैं। इसमें इंजीनियरिंग एवं मेडिकल सहित कोर्स भी शामिल थे। जिसके परिणाम स्परूप इंजीनिंयरिंग एवं मेडिकल का कोर्स इस वर्ष बंद कर दिया गया है। इंजीनियरिंग में दाखिला लेने वाले छात्रों का स्थानांनतरण आरजीपीवी में कर दिया गया। वहीं छात्रों के विरोध के बाद चालू सत्र में अन्य कोर्स को याथावत रखने का फैसला लिया था।
केवल 66 छात्रों ने लिया प्रवेश, होंगे बंद
विद्या निधि हिन्दी-1, विद्या निधि राजनीति शास्त्र-1, विद्यानिधि लोक प्रशासन-1, विद्यानिधि भौतिकी-2, विद्यानिधि वाणिज्य-2, विद्या निधि प्रबंधन-1, एम राजनीति शास्त्र-2, एम अर्थ शास्त्र-1, एम, संस्कृत-2, एम संगीत-1, एमएससी भौतिक शास्त्र-2,एमएससी गणित-2, एमएससी संगणक विज्ञान-1, एमएफएससी मत्स विज्ञान-3, एम कॉम वाणिज्य-3, एमसससी रसायिनिक शास्त्र-3, बीएससी,जैवविविधता संरक्षण एवं प्रवंधन-4, बीबीए (पारिवारिक व्यवस्था)-3, बीसीए (संगणक), अनुप्रयोग-4, स्नातकोत्तर पत्रोपाधि सायवर कानून-4, स्नातकोत्तर पत्रोपाधि पर्यावरण विधि-3, स्नातकोत्तर पत्रोपाधि गर्व संस्कार-3, स्नातकोत्तर पत्रोपाधि (पत्रकारिता एवं जनसंचार)-3, डिप्लोमा, पर्याटन प्रबंधन एवं तीर्थाटन-1, डिप्लोमा मत्स्य विज्ञान-2, डिप्लोमा पुस्तकालय विज्ञान-2, डिप्लोमा, गर्भ संस्कार-2, प्रमाण पत्र (ज्योतिर विज्ञान छह माह)-3, प्रमाण पत्र (जैविक कृषि, प्रौद्योयोगिकी प्रबंधन छह माह)-2, प्रमाण पत्र योग प्रशिक्षक प्रशिक्षण-1, प्रमाण पत्र सृजनात्मक हिन्दी-1, वहीं विश्वविद्यालय द्वारा 2016 में शुरू किए गए इंजीनियरिंग कोर्स में इस साल मात्र 10 छात्रों ने दाखिला लिया था, वहीं पिछले वर्ष 8 छात्रों ने कोर्स में एडमिशन लिया था। इसके अलावा विवि की तीन ब्रांच की सभी 90 सीटें खाली रहीं। केवल 6 एडमिशन हुए हैं।
192 कोर्स, पढ़ाने वाले 4 प्रोफेसर
हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना को छह साल हो चुके हैं। यहां 18 विभागों में 192 पाठ्यक्रमों में संचालित किए जाते हैं।विश्वविद्यालय में स्थाई स्टाप के तौर पर मात्र कुलपति, रजिस्ट्रार और चार प्राफेसर ही है। यह भी प्रोफेसर विभिन्न कॉलेजों से प्रतिनियुक्ति पर आए। इसके अलावा करीब 20 लोगों का अस्थाई स्टाप है। भर्ती के लिए विश्वविद्यालय तीन बार विज्ञापन निकाल चुका हैं, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
तैयार हो रहा है प्रस्ताव
एकाएक कोर्स बंद नहीं किए जाएंगे। प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, इसे अभी समन्वय समिति में रखा जाएगा। अगले सत्र में दाखिलों की स्थिति को देखा जाएगा यदि दाखिले नहीं होते हैं तो इनको बंद किया जा सकता है।
> डॉ. रामदेव भारद्धाज,कुलपति,
हिन्दी विश्वविद्यालय


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