बच्चों ने लिया संकल्प, सीखेंगे और बोलेंगे सिंधी

सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
मौका बच्चों के बीच चैतीचांद पर्व का था, लेकिन सिंधी समाज के बुद्धिजीवियों ने बच्चों को मातृभाषा से जोडऩे का प्रयास किया। बच्चों ने सिंधी सीखने, बोलने का संकल्प लिया। गीत-संगीत की प्रस्तुतियों के बीच पर्व का उत्सव भी मनाया। साधु वासवानी स्कूल के सभागार नदंवानी भवन में चैतीचांद उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत भगवान झूलेलाजजी की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। शिक्षाविद् विष्णु गेहानी ने कहा चैतीचांद से सिंधी समाज का नया साल शुरू होता है, इसकी शुरूआत सिंधियत के लिए प्रयास करने के संकल्पों के साथ होनी चाहिए। हमें अपनी जाति पर गर्व होना चाहिए, अपनी भाषा से जुडऩे की शुरूआत घर से होनी चाहिए, परिवार में सिंधी में ही बातचीत होना चाहिए। मातृभाषा से कटेंगे तो अपनी जड़ों से कट जाएंगे।पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष साबू रीझवानी ने कहा पर्व हमे हमारी संस्कृति से जोड़ते हैं, इन्हे स्कूलों में मनाने से हम अपने बच्चों तक अपनी परंपरा और संस्कृति को पहुंचाने का दायित्व इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर निभा रहे हैं। इस अवसर पर बसंत चेलानी, वासदेव मोतियानी, महेश खटवानी, जनक थदानी ने विचार व्यक्त किए। प्रसिद्ध सिंधी कवि खीमन यू मूलानी ने कविता पेश की। बच्चों ने सिंधी गीत-संगीत का कार्यक्रम पेश किया।


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