बाइक पर बैठने से पहले जरूर पढ़ लें ये खबर, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस

नई दिल्ली: साल 2014 में केंद्र की सत्ता बदलते ही भारत सरकार के मातहत आने वाले सभी मंत्रालयों में तेजी और सुधार देखने को मिला है. आम आदमी की जिंदगी की सुरक्षा की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारियों के बाद दूसरा सबसे अहम मंत्रालय है सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways), जिसका अमीर-गरीब, जाति-धर्म में भेद के बजाए हर किसी की जान बचाना सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है.

इस सिलसिले में सक्रिय कुछ संवेदनशील विभागों की बात करें तो बीते 6 साल में सड़क परिवहन मंत्रालय ने लोगों की जान बचाने पर सबसे ज्यादा फोकस किया है. सड़क पर चलने वाले हर मुसाफिर की सुरक्षा का ध्यान रखने और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मातहत आने वाले इस मंत्रालय ने वाकई धरातल पर कई नई लकीरें खींची हैं. इसके तहत उसकी बनाई सड़क से गुजरने वाले हर शख्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कानूनों में बदलाव किया गया, जिसमें 4 पहिया से लेकर 16 पहिया या उससे भी ज्यादा वाले वाहनों के नए कायदे-कानून तय करने के साथ अब दो पहिया वाहनों की सुरक्षा की समीक्षा के बाद नए मानक तय हुए हैं. आइये जानते हैं इन नए बदलावों को-

चालक की पीछे की सीट पर हैंड होल्ड
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की नई गाइडलाइन के मुताबिक अब बाइक के दोनों ओर ड्राइवर की सीट के पीछे हैंड होल्ड होंगे. अभी तक अधिकतर बाइक में ये सुविधा नहीं थी. हालांकि कुछ दशक पहले दुपहिया वाहन बनाने वाली कुछ कंपनियों ने इसका ख्याल रखा था. वहीं अब मंत्रालय ने बाइक के लिए दोनों तरफ पायदान भी अनिवार्य कर दिया है. वहीं अब बाइक के पिछले पहिए के बाईं तरफ का अधिकतम हिस्सा सही से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वालों के कपड़े वहां फंस न सके.

मंत्रालय ने बाइक में हल्का कंटेनर लगाने की एडवाइजरी भी जारी की है. नए मानकों में कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिमी के साथ ऊंचाई 500 मिमी से ज्यादा नहीं होगी. अगर ये कंटेनर पिछली सवारी की जगह लगाया जाता है तो उसमें चालक के अलावा कोई दूसरा नहीं बैठ सकता. सरकार समय-समय पर इन नियमों में बदलाव करने के लिए स्वतंत्र रहेगी.

सरकार ने अभी कुछ समय पहले ही टायरों को लेकर भी गाइडलाइन जारी की थी. जिसमें टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया था ताकि नए सिस्टम में लगे सेंसर से ड्राइवर को ये पता लगता रहे कि उसकी गाड़ी के टायरों में हवा का दबाव क्या है इसी के साथ मंत्रालय ने टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की थी.


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