कांग्रेस का सिंधिया पर तंज- SC के नोटिस के बाद ‘शावकों’ को बचाने के लिए भटक रहा टाइगर

भोपाल: भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को इंदौर-उज्जैन के दौरे पर पहुंचे. कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद वह पहली बार यहां आए. उपचुनाव से पहले सिंधिया के इस मध्य प्रदेश दौरे को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद टाइगर को अपने ‘शावकों’ को बचाने के लिए घर-घर जाना पड़ रहा है.” कांग्रेस नेता का ‘टाइगर’ और ‘शावकों’ से इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक पूर्व विधायकों की ओर था.

कांग्रेस ने सिंधिया को याद दिलाया अतिथि शिक्षकों का मुद्दा
कांग्रेस ने कहा, ”अतिथि शिक्षक आत्महत्या कर रहे हैं. इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं. सिंधिया जी ने वादा किया था कि वह इन अतिथि शिक्षकों के लिए सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेंगे, तो बताएं कब सड़क पर उतर रहे हैं.” भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सिंधिया जी ने अतिथि शिक्षकों के मुद्दे को लेकर ही कांग्रेस पार्टी को तोड़ा था, अब सत्ता का सुख भोग कर रहे हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ”पांच महीने में गुफा से शेर बाहर निकला है, तो जनता ढूढ़ रही है. अभी तक पूरा जंगल परेशान था कि दादा हैं कहां? कोरोना के छोटे से कीड़े से टाइगर भी डरता है, यह हिंदुस्तान ने पहली बार देखा.”

सिंधिया पर कांग्रेस के आरोपों का भूपेंद्र सिंह ने दिया जवाब
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता को जवाब दिया. उन्होंने कहा, ”सिंधिया जी की कांग्रेस ने तो कभी सुनी नहीं, इसलिए उन्हें पार्टी से अलग होना पड़ा. सिंधिया जी अब बीजेपी से अलग नहीं हैं. शिवराज सरकार की विकास की जो योजनाएं हैं, उनसे वह भी जुड़े हैं. अब भाजपा सरकार की जो लाइन है, वही सिंधिया जी की लाइन है.”

अपने समर्थकों की जीत के लिए जनता के बीच उतरे सिंधिया
इस वर्ष मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर दी थी. उनके साथ 22 कांग्रेसी विधायकों ने भी कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ते हुए विधानसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई थी और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. सिंधिया के साथ सभी पूर्व कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. उनमें से कुछ सिंधिया सम​​र्थक वर्तमान शिवराज सरकार में मंत्री भी बने हैं. अब उनके लिए मंत्री पद पर बने रहने के लिए आगामी उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचना अनिवार्य है. इसलिए सिंधिया अपने समर्थकों के लिए जनता के बीच उतरे हैं.


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