दिवाली में चीन के फुस्स हुए 40,000 करोड़, देसी कारोबारियों की बिक्री हुई रॉकेट

नई दिल्ली: चीन (China) के खिलाफ देश में बने माहौल ने कमाल कर दिया है. इस दिवाली (Diwali) लोगों ने चीन के सामानों का जमकर बहिष्कार (Boycott China product) किया, जिसकी वजह से भारत में बने सामानों की रिकॉर्डतोड़ बिक्री दर्ज हुई है. देश में कारोबारियों के सबसे बड़े संगठन Confederation of All India Traders (CAIT) ने बताया है कि इस दिवाली 72 हजार करोड़ रुपये का माल बेचा है.

चीन को 40,000 करोड़ का झटका
दिवाली जैसे बड़े त्योहार में भारतीय बाजारों में हमेशा चीन के माल पटे पड़े रहते थे, चीन की लाइट्स से लेकर साजो सामान तक चीन का कब्जा रहता था, लेकिन इस साल हालात बिल्कुल उलट हैं. इस दिवाली में भारतीय कारोबारियों ने करीब 72 हजार करोड़ रुपये की बिक्री की, जिससे चीन को 40 हजार करोड़ रुपये का झटका लगा है. CAIT की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि ’20 अलग अलग शहरों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी उम्मीद है कि इस दिवाली में 72 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ है, इससे चीन को 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.’

इन 20 शहरों में जबर्दस्त बिक्री

ये 20 शहर बड़े डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर थे, जिसमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, नागपुर, रायपुर, भुवनेश्ववर, रांची, भोपाल, लखनऊ, कानपुर, नोएडा, जम्मू, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर चंडीगढ़ शामिल थे. इन्हीं शहरों से सर्वे किया गया है. CAIT की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ‘कारोबारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किए गए मिशन आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल के तहत ही भारत में बना हुआ माल ही बेचा.

CAIT के मुताबिक ‘दिवाली के दौरान ये शानदार बिक्री इस बात का इशारा है कि आगे भी कारोबार अच्छा रहने वाला है, जिससे कारोबारियों के चेहरे पर मुस्कान लौटी है. दिवाली के दौरान बिक्री इस बात को भी दर्शाता है कि भारत के लोगों ने कोरोना और चीन दोनों को हरा दिया है.’

किन चीजों की सबसे ज्यादा बिक्री

फेस्टिव सीजन में लोगों ने FMCG, कंज्यूमर गुड्स, खिलौने, इलेक्ट्रिकल सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और AC की जोरदार खरीद की है. इसके अलावा किचन के सामान, गिफ्ट आइटम्स, कन्फेक्शनरी आइटम, मिठाइयां, गोल्ड ज्वेलरी की भी खूब बिक्री हुई है.

वोकल फॉर लोकल सुपरहिट
इस बार की दिवाली अपने आप में अलग थी. कोरोना संकट के बीच अब कुछ समय पहले ही आर्थिक गतिविधियों को खोला गया. जब सारे उद्योग धंधे बंद पड़े थे, ये पहला मौका था जब 8 महीने के लंबे अंतराल के बाद कारोबारियों को पूरी क्षमता के साथ मार्केट में उतरने का मौका मिला. दूसरी बड़ी बात ये कि इस दौरान लोगों ने चीन के सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार किया. जिसका फायदा आत्मनिर्भर भारत के तहत लोकल फॉर वोकल जैसी मुहिम को मिला.

चीन बायकॉट को देश का सपोर्ट: CAIT
CAIT का कहना है कि इस साल चीन के सामानों का बहिष्कार करके ‘हिंदुस्तानी दिवाली’ मनाने में पूरे देश के लोगों का सपोर्ट मिला. लोगों और कारोबारियों ने चीन को बड़ा झटका देते हुए एक सबक भी दिया है कि भारत को कभी हल्के में नहीं लेना क्योंकि भारत पूरी तरह से चीन के सामानों को बायकॉट करने की तैयारी कर रहा है. लोकल कलाकृतियों, हैंडीक्राफ्ट्स वर्कर्स ने अच्छा बिजनेस किया है. CAIT के मुताबिक दिसंबर 2021 तक हम चीन से इंपोर्ट 1 लाख करोड़ रुपये तक घटाएंगे.


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