MP में अब नहीं होगी Remdesivir की कमी, हर माह 1 लाख डोज उपलब्ध कराएगी सरकार

भोपाल: मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना केस ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है. लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या की वजह से राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी हो गई है. जिसकी वजह से मरीजों के परिजनों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कैबिनेट की वर्चुअल बैठक बुलाई थी.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तय किया गया है कि राज्य सरकार की तरफ से हर माह 1 लाख डोज उपलब्ध कराए जाएंगे. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से इस इंजेक्शन को लेकर प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. भोपाल और इंदौर सहित कई जिलों में कालाबाजारी की वजह से मरीजों के परिजनों को इस इंजेक्शन का डोज नहीं मिल रहा है. इससे गुस्साए मरीजों के परिजनों ने इंदौर के दवा बाजार में शुक्रवार को हंगामा भी कर दिया था.

50 हजार रेमडिसिविर इंजेक्शन के आर्डर दिए गए
मंत्रियों से वर्चुअल कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि फैलते कोरोना संक्रमण को देखते हुए इलाज की हर संभव व्यवस्था की जा रही है. इसको लेकर प्रदेश में जरूरत से तीन गुना ज्यादा ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है. पहले जहां 60 मेट्रिक टन ऑक्सिजन प्राप्त हो रही थी, वहीं आज 180 मेट्रिक टन आक्सिजन दी जा रही है. रेमडेसिवर इंजेक्शन की बढ़ती मांग को देखते हुए 50 हजार रेमडिसिविर के ऑर्डर दिए गए हैं.

क्या है रेमडिसिविर
रेमडिसिविर दवाई की खोज अमेरिका की एक कंपनी ने हेपेटाइटिस के इलाज के लिए की थी. बाद में इबोला वायरस के खिलाफ भी यह दवाई काफी कारगर पाई गई. अब कोरोना महामारी में भी जब कोरोना मरीजों पर इस दवाई का इस्तेमाल किया गया तो कोरोना संक्रमण में भी यह दवाई प्रभावी निकली. यह दवाई शरीर में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकती है. बीते दिनों डब्लूएचओ ने भी कोरोना के इलाज के लिए रेमडिसिविर दवाई के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी. जिसके बाद से भारत में भी इसकी मांग बढ़ गई है.


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