होटल में करा रहे हैं Covid-19 का इलाज! तो कैसे मिलेगा Medical Insurance का क्लेम, जानिए नियम

नई दिल्ली: Medical Insurance Claim: कोरोना महामारी ने देश के स्वास्थ्य सिस्टम को चरमरा कर रख दिया. मरीजों के लिए अस्पताल में बेड्स की मारामाीर को देखते हुए कई अस्पतालों ने एक रास्ता निकाला है. अस्पतालों ने कई होटल्स के साथ करार किया है, जहां पर कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है.

होटलों में हो रहा है Covid-19 मरीजों का इलाज
इन होटलों में मरीजों को रखकर उन्हें सभी तरह की मेडिकल सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं. डॉक्‍टर्स की विज‍िट, नर्सिंग सर्विसेज, मॉनिटरिंग और ऑक्‍सीजन सपोर्ट की व्‍यवस्था भी इन होटलों में मिल रही है. कुछ राज्‍य सरकारों ने भी होटलों के साथ करार करके उन्हें कोविड-19 केयर फैसिलिटीज में बदल दिया है. अब जिन मरीजों का इलाज अस्पताल में न होकर इन होटलों में हो रहा है तो क्या उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम मिलेगा.

होटल में इलाज, फिर भी मिलेगा क्लेम
ये सवाल आजकल उठना लाजिमी है, क्योंकि कोरोना इलाज का खर्च इतना ज्यादा है और अगर बीमा क्लेम नहीं मिला तो मरीज के लिए नई मुश्किल खड़ी हो सकती है. दरअसल,
पिछले साल ही इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने मेकशिफ्ट या अस्‍थाई अस्‍प्‍तालों के लिए एक आदेश जारी किया था. इसमें रेगुलेटर ने बीमा कंपनियों को आदेश दिया था कि रेगुलर हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी में इस तरह के खर्च को शामिल किया जाए. IRDAI का साफ निर्देश था कि इंश्‍योरेंस कंपनियां होटलों में कोरोना का इलाज करवा रहे मरीजों का क्‍लेम सेटलमेंट करें, उन्हें क्लेम देने से मना नहीं करें.

होटल भर्ती तो अस्पताल में इलाज माना जाएगा
जुलाई 2020 में जारी IRDAI के नोटिफिकेशन में कहा गया था कि अगर किसी बीमाधारक को कोरोना इलाज के लिए किसी डॉक्‍टर या मेडिकल प्रेक्टिशनर की सलाह पर मेकशिफ्ट या अस्‍थाई हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है तो इसे कॉन्‍ट्रैक्‍ट में दिए गए अस्‍पताल का नियम और शर्तें ही लागू होंगी. यानी होटल में इलाज को अस्पताल में इलाज ही माना जाएगा और उसी तरह से उसका भुगतान भी होगा, इंश्‍योरेंस कंपनियां मरीज के इलाज पर होने वाल खर्च का क्‍लेम सेटलमेंट करेंगी.

क्लेम मिलने की ये होंगी शर्तें

  1. अगर ये सुविधाएं कैशलेस नेटवर्क के अस्‍पताल की ओर से दी जा रही है तो इस मेकशिफ्ट या अस्‍थाई अस्‍पताल का ही एक्‍सटेंशन माना जाएगा और यहां भी मरीजों को कैशलेस फैस‍िलिटीज का फायदा मिलेगा.
  2. अपने यहां बेड्स की अनुपलब्‍धता की वजह से कोई अस्‍प्‍ताल मरीजों को इन होटल्‍स में ठहरने की सलाह देता है तो इन्‍हें मेकशिफ्ट अस्‍पताल ही माना जाएगा. लेकिन इसकी शर्त यह होगी की यह सुविधा रजिस्टर्ड अस्‍पताल की ओर से ही दिया जाना चाहिए और इनका प्रबंधन मेडिकल प्रोफेशनल्‍स ही कर रहा हो.
  3. अगर मरीज होम आइसोलेशन की जगह इन होटल्‍स में ठहरकर कोविड-19 से रिकवर होना चाहता है तो हेल्‍थ इंश्‍योरेंस के तहत क्‍लेम करने की सुविधा नहीं मिलेगी.
  4. किसी डॉक्‍टर की सलाह पर ही होटल में भर्ती हो सकेंगे और उसके बाद क्लेम कर सकेंगे. इन होटलों में मेडिकल मैनेजमेंट, डॉक्‍टरों की विजिट, रेगुलर मॉनिटरिंग, मेडिकेशन और जरूरत पड़ने पर ऑक्‍सीजन सपोर्ट की सुविधा भी होनी चाहिए.

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