क्रूड पाम ऑयल, सोयाबीन, सनलॉवर ऑयल पर आयात शुल्क खत्म

त्योहार के मौसम में अगर महंगाई हावी हो जाए तो उत्साह फीका हो जाता है. खाद्य़ तेल (edible oil) के साथ फिलहाल ऐसा ही है. सरकार ने महंगी कीमतों को कम करने के लिए फैसला लेते हुए बुधवार को पाम (Palm), सोयाबीन (soybean) और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मूल सीमा शुल्क (basic customs duty) को खत्म कर दिया है. सरकार की कोशिश खुदरा कीमतों में कमी लानी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, रिफाइंड खाद्य तेलों पर शुल्क में कटौती की गई है.

कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक आ सकती है कमी 
खबर के मुताबिर, खाद्य तेल उद्योग निकाय एसईए (SEA) का मानना है कि सरकार के इस फैसले से खाद्य तेलों की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने दो अलग-अलग नोटिफिकेशंस में कहा कि 14 अक्टूबर से लागू आयात शुल्क और उपकर में कटौती 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी.

उपकर भी किया गया है कम
कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर कृषि अवसंरचना विकास उपकर (AIDC) को भी घटाया गया है. कच्चे पाम तेल पर अब 7.5 प्रतिशत का कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगेगा, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए यह दर 5 प्रतिशत होगी. पहले उपकर 20 प्रतिशत था जबकि मूल सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत था. कच्चे पाम तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क 8.25 प्रतिशत का होगा. कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क क्रमशः 5.5 प्रतिशत – 5.5 प्रतिशत होगा. पहले इन तीन कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क दर 24.75 प्रतिशत थी. सूरजमुखी, सोयाबीन, पामोलिन और पाम तेल की परिष्कृत किस्मों पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 32.5 प्रतिशत से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इन तेलों के रिफाइंड एडिशन पर एआईडीसी नहीं लगता है.

फैसले पर उठे सवाल
सरकार के अभी लिए इस फैसले पर सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सवाल उठाए हैं. संगठन के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि घरेलू बाजार और त्योहारी मौसम में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के चलते सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटा दिया है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि यह इस फैसले के लिए सही समय नहीं है, क्योंकि इससे किसानों की आय प्रभावित हो सकती है. मेहता ने कहा कि सोयाबीन और मूंगफली की कटाई शुरू हो गई है. आयात शुल्क को कम करने के फैसल से बाजार की कीमतों में कमी आ सकती है और किसानों को कम कीमत मिल सकती है.खुदरा कीमतें आसमान पर
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 9 अक्टूबर को सोया तेल की औसत खुदरा कीमत 154.95 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले की समान अवधि के 106 रुपये प्रति किलोग्राम से 46.15 प्रतिशत ज्यादा है. इसी तरह, सरसों तेल की औसत कीमत 43 प्रतिशत बढ़कर 184.43 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पहले 129.19 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि वनस्पति की कीमत 43 प्रतिशत बढ़कर 136.74 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पहले 95.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी.सूरजमुखी की औसत खुदरा कीमत इस साल 9 अक्टूबर को 38.48 प्रतिशत बढ़कर 170.09 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 122.82 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि पाम तेल की कीमत 38 प्रतिशत बढ़कर 132.06 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई जो पहले 95.68 रुपये किलो थी.


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