दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित हुए रजनीकांत, इन अभिनेताओं को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

नई दिल्ली:

67TH NATIONAL FILM AWARDS: वर्ष 2020 के 51वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) के लिए चुने गए सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) ने  इस दिन को बेहद खास बताया है. उन्हें आज इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया. रजनीकांत ने कहा कि उन्हें दुख है कि उनके गुरु केबी (के बालाचंदर) सर उन्हें पुरस्कार लेते हुए नहीं देख पाएंगे. 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में धनुष और मनोज वाजपेयी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, कंगना रनौत को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार, शुशांत सिंह अभिनीत छिछोरे को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के पुरस्कार से नवाजा गया . इससे पहले रजनीकांत ने एक बयान में कहा, ‘कल का दिन दो विशेष कारणों से मेरे लिए अहम अवसर होने जा रहा है। पहला,भारत सरकार द्वारा मुझे दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया, जो लोगों के प्यार और समर्थन का प्रतीक है.

आवाज-आधारित ऐप

यह दिन रजनीकांत के लिए इसलिए भी अहम है, क्योंकि उनकी बेटी सौंदर्या की आवाज-आधारित ऐप सोमवार यानी आज लॉन्च होगा। रजनीकांत के अनुसार यह ऐप लोगों के लिए खास उपयोगी होगा। सौंदर्या ने ‘अपने स्वतंत्र प्रयासों से लोगों के लिए हूते नामक एक बहुत ही उपयोगी ऐप बनाने का बीड़ा उठाया था।’ उन्होंने ने बताया कि यह देश का पहला आवाज आधारित सोशल मीडिया ऐप है। रजनीकांत ने कहा, ‘लोग अब अपनी आवाज के जरिए अपने विचारों, इच्छाओं को हू-ब-हू वैसे ही व्यक्त कर सकेंगे जैसे कि वे अपनी पसंद की किसी भी भाषा में लिखित रूप में कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को अपनी आवाज में ‘अपनी तरह के इस पहले’ ऐप की शुरुआत करेंगे।

रजनीकांत ने 1975 में तमिल फिल्म ‘अपूर्व रागंगल’ से अभिनय की शुरुआत की। उन्होंने ‘बिल्लू’, ‘मुथु’, ‘बाशहा’, ‘शिवाजी‘ और ‘एंथीरन’, ‘हम’, ‘अंधा कानून’, ‘भगवान दादा’, ‘आतंक ही आतंक’ और ‘चालबाज’ जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया है। हाल ही में 4 नवंबर यानी दिवाली के पर्व पर रजनीकांत की फिल्म ‘अन्नाथे’ रिलीज होने वाली है।

गौतलब है कि बीते अप्रैल में रजनीकांत को दादा साहब फाल्के पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था। रजनीकांत को भारत सरकार द्वारा 2000 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से से सम्मानित करा गया है। गौरतलब है कि भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले दादा साहब फाल्के के नाम पर 1969 में इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। इसे भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार माना गया है।


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