Mayawati ने 2007 में जिस प्लान से बनाई थी सरकार, अब 2024 के लिए उसी पर कर रही हैं काम

Mayawati plan for 2024 Lok Sabha Election: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है और इसी को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) भी अपने पुराने वोट बैंक (BSP Vote Bank) को जोड़ने की कोशिश में लग गई हैं. मायावती अब अपने 2007 के प्लान पर काम कर रही हैं, जिसके जरिए उन्होंने साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल किया था और यूपी में अपनी सरकार बनाई थी. बसपा की इस रणनीति से समाजवादी पार्टी (SP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मुश्किल बढ़ सकती है.

दलित वोट बैंक के साथ मुस्लिम समाज को एकजुट करने की कोशिश

मायावती (Mayawati) अगले चुनाव से पहले दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों को एकजुट करने में जुट गई हैं. अपने जन्मदिन पर रविवार को मायावती ने दलित और मुस्लिम समाज को एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘मैं अपने जन्मदिन के मौके पर दलित, आदिवासियों, पिछड़े, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों को यह याद दिलाना जरूरी समझती हूं कि भारतीय संविधान के मूल निर्माता एवं कमजोर, उपेक्षित वर्ग के मसीहा बाबा साहब आंबेडकर ने जातिवादी व्यवस्था के शिकार अपने लोगों को स्वाभिमान व उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कानूनी अधिकार दिलाए हैं और उन्हें आपस में भाईचारा पैदा करके केंद्र व राजनीति की सत्ता की ‘मास्टर चाबी’ अपने हाथों में लेनी होगी.’

मायावती के प्लान से सपा को होगा सबसे ज्यादा नुकसान

बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) के इस प्लान से सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को हो सकता है और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सामने अब बड़ी चुनौती है. क्योंकि, मायावती ने सपा के परंपरागत वोट बैंक माने जाने वाले मुस्लिम समाज पर फोकस किया है. मायावती ने कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि अब तक के अनुभव यही बताते हैं कि इन जातिवादी सरकारों के चलते इन वर्गों के लोगों को संविधान में मिले उनके कानूनी अधिकारों का अब तक सही से लाभ नहीं मिल सका है.

मायावती ने की सभी चुनावों को मतपत्रों से कराने की अपील

इसके साथ ही मायावती (Mayawati) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर सवाल उठाए और मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कानून व्यवस्था ठीक करने की आड़ में जो घिनौनी राजनीति हो रही है वह किसी से छिपी नहीं है.’ मायावती ने मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त से मतपत्र से चुनाव कराये जाने की मांग करते हुए कहा, ‘देश में ईवीएम के जरिए चुनाव को लेकर यहां की जनता में किस्म-किस्म की आशंकाएं व्याप्त हैं और उन्हें खत्म करने के लिए बेहतर यही होगा कि अब यहां आगे छोटे-बड़े सभी चुनाव पहले की तरह मतपत्रों से ही कराए जाएं.’


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