न ‘निर्भयाÓ मिली न ट्रेनों में बढ़ी निगरानी

महिला कोच में लगाने थे सीसीटीवी कैमरे, भोपाल मंडल नाकामसच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
रेलवे महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए कितनी चिंता करता है और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कैसे निभाता है। कि ट्रेनों में आरक्षित महिला कोच में सीसीटीवी कैमरें लगाने के वादे को निभा नहीं पाया है। बीते साल इस योजना के लिए भोपाल दौरे पर रहे तत्कालीन रेल मंत्री ने महिला कोचों में सीसीटीवी लगाने के लिए रेलवे से निधि दिए जाने की बात कही थी। मगर इस योजना में किसी भी तरह का काम नहीं किया गया है। रेलवे की ओर से भोपाल मंडल के साथ पश्चिम मध्य रेलवे जोन को निर्भया निधि से फंड नहीं दिया गया है। ट्रेनों में सफर करने वाली महिलाएं अपनी सुरक्षा खुद हीं करें क्योंकि रेलवे की तीसरी आंख बदमाशों और अपराधियों से आप की सुरक्षा नहीं करने वाला है।
भोपाल से चलने वाली ट्रेनों में महिला आरक्षित कोच में सीसीटीवी लगाने का वादा कर गए तत्कालीन मंत्री की इस सुविधा के लिए भोपाल मंडल ने पत्र लिखना भी जरूरी नहीं समझा । मंडल के अधिकारी अनेक सुविधाओं के विस्तार किए जाने के लिए मंथन और बैठक करते है। मगर इस परियोजना के लिए पत्र भी लिख कर सूचित किया जाना उचित नहीं समझा। वहीं दूसरी ओर स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने के लिए इस बजट में विशेष राशि दी गई है। लेकिन ट्रेनों को आरक्षित महिला कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए न तो राशि दी गई है और न ही सीसीटीवी कैमरें लगाने की बात कही गई है। अप्रैल माह में रेलमंत्री पीयूष गोयल भोपाल दौरे पर रहेगा। मंडल के अधिकारी तत्कालीन मंत्री की इस योजना के बारे में रेलमंत्री से चर्चा कर सकते है। साल 2013 में 1000 करोड़ की राशि का अनुदान के साथ निर्भया निधि योजना बनाई गई थी । निर्भया फंड का इस्तेमाल महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े विकासकार्यों के लिए यह निधि बनाई गई थी। इसमें रेलवे को 70 फीसदी से ज्यादा फंड दिए जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद महिला कोच में सीसीटीवी कैमरें लगाए जाने से रेलवे ने फंड नहीं दिया है।
रेलवे सुरक्षा समिति ने याद दिलाया था वादा
उन्होंने बताया कि इसके लिए रेलवे सुरक्षा समिति ने कई बार बोर्ड के सामने प्रस्ताव भी रखा था। लेकिन इस संबंध में इस साल हुई बैठकों में किसी तरह से चर्चा नहीं की गई है। वहीं सुरक्षा समिति ने इस फैसला का भी बोर्ड ने निर्णय के खिलाफ आवाज उठाई थी। हाल में ही बैठक में सांसदों ने भी बोर्ड के फैसले का समर्थन नहीं किया था । बोर्ड ने अधिकारियों ने सुरक्षा समिति को जवाब में कहा था कि बजट में ट्रेन के महिला आरक्षित कोच लगाने का किसी भी तरह से राशि नहीं दी है। इसके अलावा सीसीटीवी लगाने का जिक्र था ।
नार्दन रेलवे ने की थी शुरूआत
ट्रेनों में महिला कोच में नार्दन रेलवे ने सबसे पहले सीसीटीवी लगाने की शुरूआत की थी । बीते साल नवबंर माह में महिला कोच में सीसीटीवी कैमरें लगाए थे। ताकि महिला कोच में वारदातों पर अंकुश लग सकेगा। साथ ही इस कोच में पुरुषों के सवार होने पर भी रोक लग सके। नार्दन रेलवे जोन ने एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरें लगाए है। खास कर उन ट्रेनों में जिनमें महिला कोच में पुरुषों के यात्रा करने के मामले ज्यादातर सामने आते हैं। इन सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को किसी भी स्टेशन पर देखी जा सकती है।
बैठक में बोर्ड ने नहीं दिखाई दिलजस्पी
भोपाल मंडल के अधिकारियों का कहना है कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में डिब्बों के अंदर किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाने और सुरक्षा कारणों से सीसीटीवी लगाने के लिए काम किया जाएगा । बीते साल तत्कालीन रेल मंत्री में महिला आरक्षित कोच में सीसीटीवी लगाने के लिए कहा था। बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव आया था। मगर उच्च अधिकारियों ने ज्यादा दिलजस्पी नहीं दिखाई थी। उन्होंने इसके बाद सुरक्षा समिति के सदस्यों के साथ बैठक करने के बाद भी इस परियोजना पर जवाब नहीं दिया है।
मोदी सरकार और प्रदेश सरकार बेटी बचाओ का नारे देता है, लेकिन पूरा करने ने विफल साबित हुआ है। उनकी सुरक्षा के लिए फंड देने में रोक लगाई है। यह पूरी तरह से साबित होता है कि सरकार के मंत्री झूठे है। महिला सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाने के लिए तत्कालीन मंत्री सुरेश प्रभु ने वादा किया था । जिसे बोर्ड ने नही माना है । रेलमंत्री पीयूष गोयल भोपाल आने वाले है मैं उनसे मुलाकात कर इस योजना को याद दिलाने वाला हूं – पंकज चतुर्वेदी – रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य


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