अस्थाई कर्मचारियों के भरोसे बीयू, 20 साल से नहीं हुई भर्ती

-28 2 पदों के लिए पांच साल से मंत्रालय में अटकी है फाइल
सच रिपोर्टर, भोपाल।
प्रदेश के बड़े शिक्षण संस्थानों में शामिल बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बीयू में पिछले 20 साल से बीयू में कर्मचारियों (गैर शैक्षिक) की भर्ती नहीं हुई है, वहीं नए पद स्वीकृत न होने के कारण परेशानी और बढ़ गई है। वर्तमान में बीयू में करीब 6 00 लोगों का स्टॉफ है। इसमें से भी करीब 200 कर्मचारी अस्थाई हैं। इधर मार्च 2016 -17 में बीयू के करीब 200 अधिकारी, कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, मार्च 2018 तक करीब 100 कर्मचारियों का रिटायरमेंट होना तय है।
बीयू प्रशासन नए पदों के लिए कई बार शासन के पास प्रपोजल भेज चुका है, लेकिन अब तक इन्हें स्वीकृति नहीं मिल सकी है। यहां तक कि बीयू प्रशासन स्ववित्तीय मद से भर्ती करने का प्रस्ताव भी उच्चशिक्षा विभाग को भेज चुका है, लेकिन पांच साल से यह फाइल भी मंत्रालय में अटकी है।
शासन पर किसी तरह का भार न आए इसके लिए विवि ने स्ववित्तीय मद से भर्ती करने के लिए वर्ष 2013 में 28 2 पदों के लिए उच्च शिक्षा विभाग को प्रपोजल भेजा था।
बीयू के अधिकारियों का कहना है कि स्वीत्तीय मद की फाइल पिछले पांच वर्ष से सतपुड़ा भवन में पड़ी है। यहां से जब भी पदों के संबंध में चर्चा की जाती है। विभाग द्वारा कोई न कोई कमी बताकर मामले का अटका दिया जाता है। पहले कार्यपरिषद का लेटर मांगा गया था, इसके बाद कई बार कर्मचारियों की जानकारी मांगी जा चुकी है। हाला ही में आर्डिट से तीन साल का कर्मचारियों का रिकार्ड मांगा गया था और अब एक बार फिर कर्मचारियों की संख्या मांगी गई है। जबकि विश्वविद्यालय से भेजी गई फाइल में कर्मचारियों की पूरी जानकारी उपलब्ध है।
कॉलेजों की संख्या बढ़ी स्टाफ नहीं
बरकतउल्ला यूनिसर्सिटी स्थापना की सन् 1970 में की गई थी। इसके बाद सन् 1998 में कुछ भर्तियां की गई थी। तब से अब तक बड़े पैमाने पर कोई भर्ती नहीं की गई है। अधिकारियों की मांने तो बीयू की स्थापना के समय चार जिलों के करीब 100 कॉलेज यूनिवर्सिटी से जुड़े थे और अब 8 जिलों के 38 6 कॉलेजों की जिम्मेदारी बीयू के पास है।
पांच साल का मांग वित्तीय रिकार्ड
हालही में उच्च शिक्षा विभाग ने बीयू से पांच साल का वित्तीय रिकार्ड मांगा है। विभाग ने अन्य विश्वविद्यालयों से भी यह जानकारी चाही है।


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