ई-वे बिल 1 अप्रैल से लागू करने की सिफारिश, सरकार होगी मालामाल

एजेंसी. नई दिल्ली

माल एवं सेवाकर(जीएसटी) व्यवस्था के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में माल परिवहन के वास्ते जरूरी इलेक्ट्रॉनिक वे-बिल का इस्तेमाल 1 अप्रैल से लागू किया जाना चाहिए। जीएसटी परिषद के तहत गठित राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह ने यह सिफारिश की है। मंत्री समूह के प्रमुख और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 50 हजार रुपए से अधिक मूल्य के माल के अंतर्राज्यीय परिवहन के लिए जरूरी इस व्यवस्था को प्रतिक्रिया का आकलन करते हुए चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। देश में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया। इसमें ई-वे बिल की शुरुआत को तब आगे के लिए टाल दिया गया था। सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क तैयार नहीं होने की वजह से इसे टाला गया था। इसके बाद 1 फरवरी से इसे शुरू किया गया,लेकिन सिस्टम धराशाई हो जाने की वजह से इसका क्रियान्वयन फिर टाल दिया गया। सुशील मोदी ने कहा कि मंत्री समूह की सिफारिशों पर जीएसटी परिषद की बैठक में गौर किया जाएगा। जीएसटी परिषद की अगली बैठक 10 मार्च को होगी।

– ई-वे बिल से ऐसे बढ़ेगी कमाई

माना जा रहा है कि ई-वे बिल के अमल में आने से कर चोरी रुकेगी और राजस्व प्राप्ति में 15 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। ई-वे बिल माल के आवागमन के लिए लिया जाने वाला एक इलेक्ट्रॉनिक वे बिल है जिसे जीएसटीएन (सामान्य पोर्टल) से निकाला जा सकता है। इस नई व्यवस्था के तहत 50 हजार रुपए से अधिक के माल का परिवहन बिना ई-वे बिल लिए नहीं किया जा सकेगा।

– एसएमस से निकाल सकते हैं ई-वे बिल

ई-वे बिल को एसएमएस के जरिए निकाला अथवा निरस्त किया जा सकता है। जब भी कोई ई-वे बिल निकाला जाता है तो उसके तहत एक विशिष्ट ई-वे बिल नंबर आवंटित किया जाता है। यह नंबर आपूर्तिकर्ता, प्राप्तिकर्ता और ट्रांसपोर्टर सभी को उपलब्ध करा दिया जाता है।

– क्या होता है ई-वे बिल मे

इस बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और ग्राही की डिटेल दी जाती है। अगर जिस गुड्स का मूवमेंट एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर एक ही राज्य के भीतर हो रहा है और उसकी कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा है तो सप्लायर को इसकी जानकरी जीएसटीएन पोर्टल में दर्ज करानी होगी।

– कितनी अवधि के लिए वैलिड होता है यह बिल

यह बिल बनने के बाद कितने दिनों के लिए वैलिड होता है, यह भी निर्धारित है। अगर किसी गुड्स (वस्तु) का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ  एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है। अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिनए 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए मान्य होगा।


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