केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अफसरों को दिया आदेश 10 लाख करोड़ टैक्स कलेक्शन का टारगेट

एजेंसी ॥ नई दिल्ली

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आयकर अधिकारी इन दिनों पूरी ताकत से जुटे हुए हैं। 10.05 लाख करोड़ रुपए के डायरेक्ट टैक्स के लक्ष्य को हासिल करने में चूकने की संभावना को देखते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यह आदेश जारी किया है।

सीबीडीटी ने अपने फील्ड ऑफिसर्स को टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के प्रयास तेज करने के आदेश दिए हैं। बोर्ड ने अधिकारियों से कहा है कि उन्हें बेहतर परफॉर्मेंस की संभावना वाले जोन्स पर ध्यान देना चाहिए। केंद्र सरकार ने आम बजट 2018-19 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य को 9.80 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10.05 लाख करोड़ कर दिया है। डायरेक्ट टैक्स में निजी आयकर एवं कॉर्पोरेट टैक्स शामिल है। इस महीने की शुरुआत में एक समीक्षा बैठक में सीबीडीटी ने उन क्षेत्रों के लिए टारगेट को बढ़ा दिया है, जहां से पहले से ज्यादा टैक्स कलेक्ट होता रहा है। आयकर विभाग के अधिकारी ने कहाकि जनवरी-मार्च तिमाही में हम बेहतर अडवांस टैक्स कलेक्शन की ओर देख रहे हैं। यदि अक्टूबर दिसंबर तिमाही का ट्रेंड जारी रहता है तो हम 10 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे। टैक्स कलेक्शन में इजाफा करने के लिए विभाग को फोकस जिन क्षेत्रों में है, उनमें सबसे अहम वे कंपनियां हैं जो फिलहाल सेल्फ असेसमेंट के आधार पर टैक्स चुका रही हैं।
एश्योर्ड रिटर्न देने वाली स्कीम आएंगी चिटफंड के दायरे में
रियल इस्टेट कंपनियों और ज्वैलर्स पर सरकार गाज गिराने जा रही है। चिटफंड के व्यापार को रोकने के लिए बनने वाले कानून में ऐसी कंपनियों और ज्वैलर्स द्वारा एश्योर्ड रिटर्न वाली स्कीमों पर नकेल कसेगी। कानून बन जाने के बाद इस तरह की स्कीम चलाना न केवल गैरकानूनी हो जाएगा, बल्कि सजा का भी प्रावधान होगा। कैबिनेट ने हाल ही में अनियमित जमा योजनाओं और चिटफंड पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक 2018 को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी है। इस विधेयक का उद्देश्य देश में गैर-कानूनी जमा राशि से जुड़ी समस्याओं से निपटना है।


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