डीआरएम को किया ट्वीट, इटारसी में साफ किया टॉयलेट, माफी मांगी

असर ॥ गंदगी देख यात्री ने चलती ट्रेन में की थी शिकायत
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
रेलवे के ट्रेन और ट्रेक स्वच्छ रखने के लिए कोच में बायो टायलेट लगाए है। लेकिन इसके बावजूद टायलेट गंदे रहते है, इन्हें साफ नहीं किया जाता है। जिसकी शिकायत यात्री ने की है। यात्री ने ट्रेन के टायलेट में पानी ना होने की और गंदगी फैली हुई है। यात्री की शिकायत के बाद इटारसी स्टेशन पर साफ किया गया ।
ट्रेन के कोच में गंदगी होने की यह पहली शिकायत नही है। इससे पहले भी कई बार शिकायत की गई है। इसके बावजूद ट्रेनों में सफाई की हालत जस की तस बनी हुई है। दरअसल यात्री लोकमान्य तिलक राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस से राजेद्र नगर जा रहा था । ट्रेन के टायलेट में गंदगी और वाशबेसिन में पानी ना आने की शिकायत भोपाल मंडल के डीआरएम शोभन चौधुरी से की, जिसके बाद डीआरएम ने इटारसी में सफाई डिर्पामेंट को सूचना दी । ट्रेन इटारसी स्टेशन पहुंचने के बाद कोच एस 11 के टायलेट की सफाई की गई और पानी की सुविधा दी। यात्री से मेंनटेंस टीम ने मांफी मांगी।
असुविधा के लिए मांगी माफी
यात्री के द्वारा की गई शिकायत पर कंपनी और मंडल ने माफी मांगी। मांगी मागने के बाद यात्री को हुई असुविधा के खेद प्रकट किया है। वहीं मंडल ने कंपनी के ठेकेदार से भी रिपोर्ट मांगी है।
सफाई करने वाली कंपनी की लापरवाही
ट्रेन रवाना होने से पहले वाशिंग स्टाफ की जिम्मेदारी होती है कि ट्रेन के कोच और टायलेट की सफाई करें। उसके बाद ही ट्रेन ट्रेक पर आती है। लेकिन ट्रेन की सफाई नहीं की गई थी । जिसकी वजह से यात्री को असुविधा हुई । दरअसल ट्रेन की सफाई का जिम्मा ठेका कंपनी को दिया है। सफाई करने वाली कंपनी ने सफाई नहीं की , जिसकी पोल यात्री ने खोल दी।
शिकायतों का पिटारा बना ट्वीटर
रेलवे ने शिकायतों में पार्दशिता लाने के लिए और यात्रियों की सुविधा और असुविधा के लिए सोशल मीडिया में शिकायत करने के लिए अकांउट बनाया है। भोपाल मंडल में रोजाना दर्जनों शिकायतें आती है। जिन्हें अधिकारी से लेकर रेलमंत्री तक पता होती है । संबंधित विभाग पर कार्रवाई भी करने के आदेश दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर यात्रियों की शिकायत पर जल्द कार्रवाई की जाती है। इससे यात्री को सुविधा होती है और शिकायत लिखित में नहीं देना पड़ता है।
हमेशा की तरह नहीं होती कार्रवाई
आए दिन दर्जनों शिकायते भोपाल रेल मंडल में की जाती है। उनकी शिकायते भले ही समय रहते निपटाई जाती है। लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती है। सिर्फ दिखावे के लिए कहा जाता है। यह पहला मामला नहीं है कि मंडल के अधिकारियों ने कार्रवाई की बात की हो। इससे पहले भोपाल स्टेशन पर फूड प्लाजा द्वारा खराब चाय देने के मामले में डीआरएम ने फूड प्लाजा संचालक को भगा देने की बात कहीं थी । लेकिन ना तो जुर्माना लगाया गया और ना ही फूड प्लाजा का लाइसेंस रद्द किया गया ।


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