खाकी का खौफ: पहले करते थे डकैती और लूटपाट अब बेच रहे हैं फल-सब्जियां

मेरठ ॥ एजेंसी
क्राइम पर खाकी का वार और लगातार हो रहे एनकाउंटर को लेकर अपराधियों में खौफ का माहौल बना है। मेरठ में एक पुराने अपराधी ने अपराध से तौबा कर फलों का ठेला लगाया हुआ है तो लिसाड़ी गेट के दो हिस्ट्रीशीटर वर्तमान में टायर पंचर और कबाड़ का काम कर रहे हैं। इन पर डकैती, लूटपाट और कातिलाना हमले जैसे मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस के रिकॉर्ड में भी वर्तमान में इन लोगों ने अपराध से दूरी बना रखी है। यानी सरकार का ऑपरेशन क्लीन अपराधियों में खौफ तो जरूर पैदा कर रहा है। यूपी में भाजपा सरकार बनने के बाद अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया। वेस्ट यूपी में ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए गए। पूरे यूपी में 930 से ज्यादा एनकाउंटर हुए और अकेले मेरठ जोन में ये आंकड़ा 370 पहुंच गया है। इसी के चलते कई अपराधियों ने अपराध से तौबा कर ली है। ये खुलासा अपराधियों की निगरानी और सत्यापन के दौरान हुआ। पुलिस पिछले दिनों लिसाड़ी गेट थाने के हिस्ट्रीशीटर आकिल के सत्यापन के लिए गई थी। आकिल का हिस्ट्रीशीट नंबर-58ए है। आकिल पर कई आपराधिक मुकदमे हैं और गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी हो चुकी है। वर्तमान में आकिल लिसाड़ी गेट में घर के पास ही साइकिल मिस्त्री का काम कर रहा है। इसके अलावा लिसाड़ी गेट हिस्ट्रीशीट नंबर-94ए पर इमरान निवासी 20 फुटा श्यामनगर का नाम दर्ज है। इमरान के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी हो चुकी है। हत्या के प्रयास समेत कई मुकदमों में आरोपी है। पिछले करीब एक साल से क्राइम से तौबा करके इमरान अपना कबाड़ का काम कर रहा है। रोजाना सुबह ठेला लेकर निकलता है और कबाड़ लेकर आता है। इसके बाद अपना गुजारा कर रहा है। इसी कड़ी में तीसरा नाम लिसाड़ी गेट के मोहल्ला श्यामनगर निवासी उमरदराज का है। उमरदराज पर भी हत्या के प्रयास, लूटपाट, डकैती और अन्य कई आपराधिक मुकदमे हैं।
उमरदराज पुलिस सत्यापन के दौरान अब फलों का ठेला लगाए हुए मिला।
ईमानदारी से कर रहे हैं काम
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार करीब एक साल से पूरी तरह से क्राइम की दुनिया से दूरी बनाई हुई है। इतना ही नहीं, कई बार तो थाने पहुंचकर खुद ही पुलिस को मौजूदगी दर्ज करा देते हैं। पुलिस जब भी जाती है, अपनी दुकान या ठेले पर ही मिलते हैं। कहते भी हैं कि अपराध की दुनिया छोड़ दी है और अपना काम शुरू कर लिया है।
अपराधियों की निगरानी के दौरान कुछ अपराधी कबाड़ी का काम करते हुए और फलों का ठेला लगाए हुए मिले। इन्होंने पिछले काफी समय से अपराध की दुनिया से तौबा कर ली है और अपना खुद का काम शुरू किया हुआ है। इस संबंध में रिपोर्ट भी भेजी गई है।
दिनेश शुक्ला, सीओ कोतवाली मेरठ


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