सरकार बंद करेगी 36 जिलों के रोजगार कार्यालय

विधानसभा संवाददाता ।। भोपाल
प्रदेश के 52 जिलों में 23 लाख से अधिक बेरोजगार पंजीकृत है, लेकिन पिछले चार साल में रोजगार कार्यालय के माध्यम से सिर्फ डेढ़ लाख बेरोजगारों को ही रोजगार मिला। इसके बाद भी सरकार ने विधानसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि 36 जिलों के रोजगार कार्यालयों को बंद किया जा रहा है। वहीं 15 जिलों के रोजगार कार्यालय को बीओटी के आधार पर आधुनिक बनाने जा रही है, जिसका नाम भी रोजगार कार्यालय प्लेस्मेंट सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है।
विधानसभा में कांग्रेस के विधायक जयवद्र्धन सिंह ने सरकार से पूछा कि प्रदेश में एक जनवरी 2018 की स्थिति में कितने बेरोजगार युवा पंजीकृत है। सवाल के जवाब में तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने लिखित जवाब में बताया कि 22 फरवरी 218 की स्थिति में 52 जिलों में 23.86 लाख बेरोजगार युवा पंजीकृत है, जिसमें सर्वाधिक 1.37 लाख ग्वालियर में, 1.10 लाख मुरैना में तो भोपाल में 91450 बेरोजगार युवा पंजीकृत है। वहीं विशेष रोजगार कार्यालय जो जबलपुर में अपंगों के लिए बनाया गया है, वहरं 784 युवा पंजीकृत है। वहीं सरकार ने बताया कि इन 52 जिलों में सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग के 8.89 लाख बेरोजगार युवा पंजीकृत है तो सामान्य वर्ग के 6.85 लाख, अनुसूचित जाति वर्ग के 4.09 लाख, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 3.68 लाख युवा पंजीकृत है। सरकार की ओर से विधानसभा में बताया गया कि 36 जिलों के रोजगार कार्यालय को बंद किया जा रहा है और 15 जिलों के रोजगार कार्यालय का नाम बदल कर रोजगार कार्यालय व प्लेसमेंट सेंटर के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इन 15 जिलों में बीओटी के आधार पर इनका आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
चार साल में 1.47 लाख को मिला रोजागर
सरकार ने जयवद्र्धन सिंह के सवाल के जवाब में बताया कि 1 जनवरी 2014 से 31 जनवरी 2018 की स्थिति में रोजगार कार्यालयों के माध्यम से 1.47 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र में 29 महिलाओं को रोजगार दिलाया तो 5524 पुरुषों को रोजागर उपलब्ध कराया। वहीं सहकारी क्षेत्र में सिर्फ 2314 पुरुषों को चार साल में रोजगार मिला। वहीं निजी क्षेत्र में 13040 महिलाओं को और 1.26 लाख पुरुषों को रोजगार मिला।
पंचायतों में कार्यरत प्लंबर और भृत्यों की जानकारी सरकार को नहीं
भोपाल। राज्य सरकार को यह जानकारी नहीं है कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों में भृत्य, प्लंबर, सफाईकर्मी व क्लर्क के रूप में कितने कर्मचारी तैनात है। विधायक जितेंद्र गेहलोत के सवाल के लिखित जवाब में राज्य मंत्री श्रम बालकृष्ट पाटीदार ने आज सदन में यह जानकारी दी। गेहलोत ने सवाल किया था कि प्रदेश की 2300 ग्राम पंचायतों में सचिव के अलावा कितने भृत्य, प्लंबर, सफाईकर्मी क्लर्क के रूप में 4 से 5 कर्मचारी तैनात है। इन लोगों को न्यूनतम वेतन से कर्म वेतन पंचायत दे रही है। यह श्रम कानूनों का उल्लंघन है। इस पर मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि ग्राम पंचायतों में भृत्य, प्लंबर, सफाईकर्मी और क्लर्क की तैनाती की जानकारी विभाग के पास नहीं है। किसी भी कर्मचारी को न्यूनतम से कम वेतन नहीं दिया रहा है। इस संबंध में विभाग को कोई शिकायत भी नहीं मिली है।


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