‘कांग्रेस सहित कई नेशनल पार्टियों से जुड़े कैंब्रिज एनालिटिका के तार, 2010 बिहार चुनाव में JDU ने ली सर्विस’

कैंब्रिज एनालिटिका एक ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म है. (फाइल फोटो)

लंदन:   डाटा का कथित दुरुपयोग करने का खुलासा करने वाले ब्रिटेन के एक व्हिसिलब्लोवर ने सोशल मीडिया पर सूचना डालकर दावा किया है कि ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म 2003 के समय से ही भारत में काम रही है. कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) के पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वाइली ने ब्रिटेन की संसद की डिजिटल, संस्कृति, मीडिया एवं खेल (डीसीएमएस) कमेटी के समक्ष 27 मार्च को कहा था कि कंपनी ने भारत में‘ बड़े पैमाने पर काम किया’ और उसका मानना है कि कांग्रेस उसके ग्राहकों में से एक थी. टि्वटर पर 28 मार्च को डाले गए एक पोस्ट में 28 वर्षीय वाइली ने जनता दल (यू) का नाम भी 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक ग्राहक के तौर पर लिया. साथ ही कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका की मूल कंपनी एससीएल इंडिया ने उत्तर प्रदेश में कुछ जातिगत सर्वेक्षण किए थे.

 

एससीएल इंडिया के पास 600 से अधिक जिलों और सात लाख गांवों का डेटाबेस
वाइली ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मुझे भारतीय पत्रकारों से ढेर सारे अनुरोध मिल रहे हैं अत: भारत में एससीएल की अतीत की कुछ परियोजनाओं के बारे में यह जानकारी है. अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का जवाब यह है- हां एससीएल, सीए भारत में काम करती है और वहां उसका कार्यालय है. आधुनिक उपनिवेशवाद ऐसा ही है.’ उनके संदेशों में वो दस्तावेज शामिल हैं जो संकेत देते हैं कि एससीएल इंडिया के पास 600 से अधिक जिलों और सात लाख गांवों का डेटाबेस है, जिसे लगातार अद्यतन किया जा रहा है. भारत में उसकी पहुंच के बारे में कहा जाता है कि उसका मुख्यालय गाजियाबाद में है और अहमदाबाद, बेंगलुरु, कटक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता, पटना और पुणे में उसके नौ क्षेत्रीय कार्यालय हैं.


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