जल संकट का असर॥ तिघरा बोट क्लब 1 अपै्रल से होगा बंद

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
प्रदेश में जल संकट का असर अब वॉटर स्पोटर्स गतिविधियों पर पडऩे लगा है। ग्वालियर के तिघरा जलाशय में 10 साल तक पर्यटकों को बोटिंग के लिए आकर्षित करने वाले वाटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स को एक अप्रैल से पर्यटकों के लिए बंद किया जा रहा है।
19 जून 2008 को शुरू हुए इस कॉम्पलेक्स को बंद करने के पीछे पर्यटन निगम के अफसर तिघरा जलाशय में पानी की कमी और घाटा बता रहे हैं, जबकि 2017 में 5 लाख रुपए और 2018 में 2 लाख रुपए के लाभ के आंकड़े निगम के रिकार्ड में दर्ज हैं। प्रदेश में कुछ समय पहले पर्यटन निगम और बोर्ड दो अलग-अलग बॉडी हो गई हैं। निगम को अब इकाइयों को चलाने के लिए शासन से पैसा नहीं मिल रहा है। ऐसे में धीरे-धीरे चलती हुई इकाइओं को टारगेट के जाल में फंसाकर बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है। वाटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स भी अफसरों के टारगेट की भेंट चढ़ गया है। निगम सूत्रों के मुताबिक, 2016 -17 में तिघरा वाटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स से 24 लाख रुपए की आय हुई। वेतन और अन्य मद में 19 लाख रुपए खर्च हुए। इस तरह 5 लाख की बचत हुई। लेकिन अफसरों ने 32 लाख रुपए के बजट टारगेट का हवाला देकर घाटा बता दिया। – 2017-18 में बारिश का असर पड़ा। पानी कम होने से वोटिंग नहीं हो पाई।
फिर भी 18 लाख के करीब साल भर में आय हुई। सभी खर्चों पर करीब 16 लाख का भुगतान किया गया। दो लाख की बचत हुई। इस बार भी टारगेट 30 लाख का बता घाटा दिखा दिया।
जल संसाधन को सौंपेंगे संपत्ति
11 अगस्त 2004 में जल संसाधन विभाग से ली गई जमीन और जलाशय जल संसाधन विभाग को सौंपा जाएगा। वाटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में संचालित बोट व अन्य उपकरणों को दूसरे जलाशयों पर और स्वल्पआहार केन्द्र का सामान किले पर बनने वाले कैफेटेरिया में पहुंचाया जाएगा।


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