भारत-चीन सीमा विवाद के बीच रूस ने G-7 शिखर सम्मेलन को लेकर कही ये बात

मास्‍को: इस साल के अंत में होने जा रही विस्‍तारित G 7 समिट को लेकर रूस ने कहा है कि इसमें चीन का आना जरूरी है. ये बात उप-विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने शनिवार को कही है. हालांं‍कि, उन्‍होंंने जी 7 में रूस की भूमिका को लेकर वॉशिंगटन से किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया है.

TASS समाचार एजेंसी के एक सवाल पर उन्‍होंने ये टिप्‍पणी की. जबकि रूस में अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन ने शुक्रवार को आरबीसी टीवी से कहा कि वाशिंगटन ‘रूसी विदेश मंत्रालय के साथ और अन्य जी 7 देशों (G7 Nations) की सरकारों के साथ इस पर बात कर रहे थे कि क्या रूस की जी 7 में एक उपयुक्त भूमिका है.’

जाहिर है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Trump) ने इस समूह में रूस की वापसी की संभावना को बढ़ा दिया है, जिसमें दुनिया की सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. ट्रम्प ने पिछले महीने कहा था कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) को समूह में फिर से शामिल होने के लिए आमंत्रित करना ‘कॉमन सेंस’ की बात थी.

इससे पहले 1997 से 2014 तक रूस इस समूह का हिस्‍सा था. लेकिन 2014 में क्रीमिया पर कब्‍जे के बाद रूस को इससे बाहर निकाल दिया गया था. तब तक इस समूह जी-8 के नाम से जाना जाता था.

वहीं कनाडा और फ्रांस सहित अन्य जी 7 देशों ने रूस की वापसी पर आपत्ति जताई है. उधर रयाबकोव ने कह दिया है कि एक विस्तारित जी 7 शिखर सम्मेलन (expanded Group of Seven summit) से चीन की अनुपस्थिति अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा को असंभव कर देगी.

बता दें कि मई में ट्रम्प ने घोषणा की थी कि वह सितंबर या उसके बाद तक के लिए जी 7 शिखर सम्मेलन स्थगित कर रहा है. साथ ही ऑस्ट्रेलिया, रूस, दक्षिण कोरिया और भारत को इसमें बुलाने करने के लिए आमंत्रितों की सूची में विस्तार कर रहा है.

ऑस्ट्रेलिया ने इसमें हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के निमंत्रण को स्वीकार भी कर लिया है


facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें