वॉशिंगटन: कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के बीच वैक्सीन (Corona Vaccine) ही बचाव के लिए सबसे बड़ी उम्मीद है. वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) लगातार संपन्न देशों को गरीब, जरूरतमंदों का ध्यान रखने की नसीहत देता रहा है लेकिन इसके बावजूद वैक्सीनेशन में भेदभाव का मामला सामने आ रहा है.
गोरों को ज्यादा वैक्सीन
कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से बुरी तरह जूझ रहे देश अमेरिका (America) की हालत ज्यादा चिंताजनक है. अमेरिका में 2.6 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हैं जबकि 4.35 लाख की जान जा चुकी है. अमेरिका ने 45 दिन पहले ही कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम (Corona vaccination program) शुरू कर दिया था लेकिन इसमें भेदभाव किए जाने का खुलासा हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां अश्वेतों के मुकाबले श्वेतों को अधिक टीके लगाए गए हैं.
क्या कहती है सीडीएस रिपोर्ट
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDS) के डेटा के मुताबिक देश की 4 प्रतिशत श्वेत आबादी को टीका लग चुका है जबकि इनके मुकाबले अश्वेतों की संख्या मात्र 1.9 प्रतिशत है. इससे पहले एक रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई थी कि श्वेतों के मुकाबले 5 गुना अधिक अश्वेतों ने जान गंवाई है. गोरों के मुकाबले अस्पतालों में अश्वेतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
अमेरिका के सामने बड़ी चुनैती
विश्व भर में कोरोना के मामले (Coronavirus Worldometer) 100 मिलियन हो चुके हैं. इनमें से 55.4 मिलियन लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं जबकि 2.16 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कोरोना के मामले सबसे अधिक 25.6 मिलियन अमेरिका में है. जो बाइडेन प्रशासन (Joe Biden) के सामने कोरोना ही सबसे बड़ी चुनौती है. जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद जो बड़े फैसले लिए हैं उनमें कोरोना वैक्सीनेशन को गति देना भी शामिल है. जो बाइडेन ने 15 लाख लोगों को प्रतिदिन वैक्सीन लगाए जाने का लक्ष्य रखा है.
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