CM शिवराज बोले- लॉकडाउन नहीं लगेगा, मजदूर दूसरे राज्य न जाएं, गांव में ही देंगे रोजगार

भोपाल: देश के कुछ राज्यों में कोरोना वायरस फिर अपने पांव पसारने लगा है. इन राज्यों में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है. महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब में बीते सप्ताह कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है. महाराष्ट्र की हालत सबसे ज्यादा खराब है. इसको देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार अलर्ट हो गई है. महाराष्ट्र से सटे जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है.

बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में कोरोना की स्थिति की समीक्षा बैठक की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी​ जिलों के जिम्मेदार अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ जुड़े. इस समीक्षा बैठक में सीएम चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में फिलहाल लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा. कुछ दिनों से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जाए.

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महाराष्ट्र जाने वाले मजदूरों को गांव में मिले काम
मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से मजदूरी के लिए अन्य राज्यों में जाने वालों से अपील की. उन्होंने कहा कि वे अन्य राज्यों में न जाएं, उन्हें मनरेगा के अंतर्गत गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. आर्थिक गतिविधियां प्रभावित न हों, इसके लिए प्रदेश में लॉकडाउन नहीं किया जाएगा. दरअसल, मध्य प्रदेश के कुछ जिले महाराष्ट्र से लगते हैं. यहां से मजदूर काम की तलाश में महाराष्ट्र जाते हैं, जहां कोरोना संक्रमण की स्थिति बहुत खराब है.

प्रदेश में लगने वाले सभी मेले स्थगित किए गए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि इंदौर, भोपाल, बैतूल, जबलपुर, छिंदवाड़ा आदि जिलों में कोरोना के मामले बढ़े हैं. यहां विशेष सावधानी रखी जाए. पचमढ़ी, बैतूल, छिंदवाड़ा आदि में लगने वाले मेले स्थगित कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बालाघाट, सिवनी, बैतूल आदि सीमावर्ती जिलों से मजदूर रोज महाराष्ट्र कार्य के लिए जाते हैं, मनरेगा में इन्हें गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जाए.

महाराष्ट्र से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग अनिवार्य
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि महाराष्ट्र से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग सीमा पर अनिवार्य रूप से की जाए. कोविड निगेटिव व्यक्तियों को ही राज्य में प्रवेश दिया जाएगा. इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा आदि मौजूद थे.


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