अमेरिका: कर्मचारियों की कमी का लाभ उठा रही हैं यूनियनें, जारी है हड़तालों का दौर, हॉलीवुड स्टूडियो तक प्रभावित

एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों की हड़ताल से हॉलीवुड स्टूडियो से लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद फैक्टरियां प्रभावित हुई हैं। इससे कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेज गति से सुधार की उम्मीदें कमजोर पड़ रही हैं…

अमेरिका में इन दिनों श्रमिकों की हड़ताल का दौर आया हुआ है। देश में एक साथ कई कंपनियों में कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं या जाने का एलान कर रखा है। कुछ जगहों पर मैनेजमेंट से समझौता हो जाने के कारण हड़ताल फिलहाल टल गई है। विश्लेषकों का कहना है कि देश में इस समय कर्मचारियों की कमी के कारण कंपनियां मनमानी शर्तों पर श्रमिकों को काम करने के लिए मजबूर नहीं कर पा रही हैं। कर्मचारी यूनियनें इस स्थिति का लाभ उठा रही हैं। कंपनी जॉन डीयरे के आयोवा राज्य में ओट्ठा स्थित प्लांट में काम करने वाले क्रिस लॉरेसन ने एक अखबार से कहा- ‘ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई, जब चीजें हमारे पक्ष में झुकी हों। अभी ऐसी ही स्थिति है।’ जॉन डियरे के इस प्लांट के सैकड़ों कर्मचारियों ने पिछले हफ्ते सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया। वे नौकरी की शर्तों में कंपनी की तरफ से एकतरफा बदलाव पर विरोध जता रहे थे।

वेबसाइट एक्सियोस.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों की हड़ताल से हॉलीवुड स्टूडियो से लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद फैक्टरियां प्रभावित हुई हैं। इससे कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेज गति से सुधार की उम्मीदें कमजोर पड़ रही हैं। कर्मचारियों की कमी की वजह से कंपनियों के प्रबंधन कर्मचारियों यूनियनों से उनकी शर्तो पर समझौता करने को मजबूर हो रहे हैं।

हॉलीवुड में 60 हजार कर्मचारियों की नुमाइंदगी करने वाली यूनियन ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का एलान किया था। उनकी मांग वेतन में बढ़ोतरी और स्टूडियो में कामकाज की स्थितियों में सुधार लाने की थी। लेकिन हॉलीवुड प्रबंधकों ने यूनियन के साथ एक करार कर लिया। इस वजह से वहां हड़ताल फिलहाल टल गई है। इसके पहले अखबार लॉस एंजिल्स टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि अगर हॉलीवुड यूनियन हड़ताल पर गई, तो सारे देश के फिल्म और टीवी स्टूडियो में कामकाज ठहर जाएगा।
खाद्य पदार्थ बनाने वाली कंपनी किलॉग के संयंत्र में हड़ताल हो चुकी है। वहां काम करने वाले 1,400 से अधिक कर्मचारियों ने बेहतर सुविधाओं की मांग करते हुए काम बंद कर दिया। इन कर्मचारियों ने काम की आउटसोर्सिंग रोकने की मांग भी की है। किलॉग के संयंत्रों में लगभग 50 साल में पहली बार हड़ताल हुई है।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि कई कंपनियों के मैनेजमेंट ने शुरुआत में सख्त रुख अपनाया। उन्होंने हड़ताल टलवाने की कोशिश नहीं की। नतीजतन वहां उत्पादन ठप हो गया। इनमें किलॉग भी है। उधर श्रमिक यूनियनों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान कंपनियों ने शेयर बाजार से खूब लाभ कमाया। लेकिन वे इसमें मजदूरों को हिस्सा नहीं देना चाहतीं। वे कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने या उनके कामकाज की स्थितियों को सुधारने के लिए तैयार नहीं हैं।

किलॉग कंपनी के नेब्रास्का राज्य में ओमहा स्थिति संयंत्र में मेंटेनेंस प्लानर डैनियल ओस्बॉर्न ने वेबसाइट एक्सियोस से कहा- ‘किलॉग रिकॉर्ड मुनाफा कमा रही है। कंपनी अधिकारी हमारी मेहनत के बूते खूब लाभ बटोर रहे हैं।’ ओस्बॉर्न किलॉग कर्मचारियों की यूनियन के स्थानीय प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सिर्फ कंपनी के मुनाफे में अपना हिस्सा चाहते हैं।


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