रैगांव उपचुनाव : चुनावी जंग जातिगत आंकड़ों में उलझी

सतना. रैगांव विधानसभा उपचुनाव (MP by Election) का चुनाव प्रचार खत्म होते होते कई रंग दे गया. अपने अपने प्रत्याशी के समर्थन में दोनों दलों के स्टार प्रचारक प्रचार करने आए. निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी पूरी ताकत झोंक दी. लेकिन बगावत के माहौल से शुरू हुआ चुनाव अभियान जातिगत समीकरण पर आ कर थम गया. मुद्दे हवा हो गए.

रैगांव विधानसभा सीट के लिए धुआंधार प्रचार हुआ. इस दौरान पार्टियों ने अपने प्रचार अभियान में जातीय समीकरणों पर फोकस रखा. दलों ने जो जातीय समीकरण तैयार किये हैं उसके अनुसार रैगांव विधानसभा क्षेत्र के 70 फीसदी मतदाता जाति गत समीकरण में बंटे हुए हैं. विधानसभा में सर्वाधिक मतदाता ब्राह्मण और चौधरी वर्ग के हैं. उन्हें साधने के लिए दोनों दल एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं.

मुद्दे हवा, जाति हावी
रैगांव के रण के आखिरी समय में मुद्दे गायब हो गए. जातिगत समीकरण साधने हर दल राजनीतिक गोटियां बैठाता नजर आया. भाजपा की तरफ से तीन दर्जन विधायक अलग अलग समाज में के लोगों के घर घर दस्तक देते रहे. यहां छह मंत्री कमान संभाले रहे. कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. पूरे प्रदेश से नेता रैंगाव की गलियों में चहल कदमी करते रहे और अपने अपने सजातीय मतदाता को लुभाने के प्रयास में रहे.


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