मलबे में फंसीं 40 जिंदगियां, 30 घंटे बाद जागी धामी सरकार! हादसे पर उठे ये 5 सवाल

 उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रहे टनल के एक हिस्से को गिरे हुए 35 से ज्यादा घंटे बीत चुके हैं. लेकिन अभी तक बचाव का काम पूरा नहीं हो पाया है. हादसे के 30 घंटे बाद राज्य के सीएम पुष्कर धामी मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से बात की. उन्होंने कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि जो मजदूर अंदर फंसे हुए हैं, वो सकुशल निकल आएं और इसके लिए कोशिशें जारी हैं. सीएम धामी के इसी बयान के साथ कई ऐसे सवाल खड़े होते हैं, जिनका जवाब मिलना जरूरी है. 

सवाल- 1
40 लोगों की जान मुश्किल में है…इसका ज़िम्मेदार कौन है?

सवाल- 2
धामी सरकार हादसे के 30 घंटे बाद क्यों जागी ?

सवाल- 3
क्या टनल निर्माण में हुई लापरवाही ?

सवाल- 4
पिछले हादसों से सबक क्यों नहीं लिया ?

सवाल- 5
ऐसी स्थिति का अंदेशा नहीं था ?

कैसे निकाले जाएंगे मजदूर?

दूसरी ओर, नेशनल हाइवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएचआईडीसीएल) ने सोमवार को कहा कि वह उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग के ढहने से उसमें फंसे 40 मजदूरों को करीब एक मीटर लंबे स्टील पाइप से निकालने की योजना बना रहा है. 

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार तड़के ढह गया था जिसमें 40 मजदूर फंस गए. इस सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी एनएचआईडीसीएल ने सोमवार को कहा कि सुरंग के अंदर से ‘शॉटक्रेटिंग’ (कंक्रीट स्प्रे) के साथ मिट्टी को हटाया जा रहा है जबकि ‘हाइड्रोलिक जैक’ की मदद से 900 मिमी व्यास के स्टील पाइप को अंदर डालने की योजना बनाई जा रही है ताकि सुरंग में फंसे लोगों को निकाला जा सके.

हरिद्वार से लाए जा रहे स्टील पाइप

 कंपनी ने कहा कि राज्य सरकार की मदद से हरिद्वार से स्टील का पाइप लाया जा रहा है. स्टील पाइप को सुरंग में डालने के लिए सिंचाई विभाग के विशेषज्ञों की एक टीम भी मौके पर पहुंच रही है. एनएचआईडीसीएल ने कहा कि सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को लगातार पानी, खाना, ऑक्सीजन और बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. उसने कहा कि इसके अलावा एक पाइप के जरिए खाने के छोटे पैकेट सुरंग के अंदर पहुंचाए गए हैं.

मजदूरों को मिला खाने का सामान

कंपनी ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों ने पुष्टि की है कि उन्हें खाने का सामान मिला है और वे सुरक्षित हैं. रेल विकास निगम लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के भू-तकनीकी विशेषज्ञों और इंजीनियर सहित कई अधिकारियों ने बचाव कार्य में सहायता के लिए दुर्घटना स्थल का दौरा किया है.

क्यों जरूरी है ये टनल

 उत्तरकाशी में 4,531 मीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की चारधाम सड़क परियोजना का हिस्सा है. इसका निर्माण एनएचआईडीसीएल 853.79 करोड़ रुपये की लागत से नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड से करा रहा है. हर मौसम के अनुकूल बन रही इस साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी.


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