दिवाली के बाद दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, चौंका देंगे ये आंकड़े

 दिल्ली को बारिश के कारण वायु प्रदूषण से जो राहत मिली थी वह रविवार की रात दिवाली के अवसर पर कथित तौर पर प्रतिबंध के बावजूद फटाखे फोड़ने से स्वाहा हो गई. दिवाली के बाद सोमवार को दिल्ली की सुबह धुंए की परत के बीच हुई और वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ गया. AIR QUALITY CHECK में विशेषज्ञता रखने वाली स्विस कंपनी ‘आईक्यूएयर’ के अनुसार, सोमवार को दिल्ली, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था, इसके बाद पाकिस्तान के लाहौर और कराची शहरों का स्थान था. 

दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में मुंबई और कोलकाता क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर हैं. दिल्ली में रविवार को दिवाली के दिन आठ वर्षों में सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई थी. इस दौरान 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अपराह्न चार बजे 218 दर्ज किया गया था. हालांकि, रविवार देर रात तक आतिशबाजी होने से कम तापमान के बीच प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई. सोमवार सुबह सात बजे एक्यूआई 275 (खराब श्रेणी) दर्ज किया गया जो शाम चार बजे तक धीरे-धीरे बढ़कर 358 हो गया. एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.

एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए जिम्मेदार वैधानिक निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा,‘‘यह स्पष्ट है कि दिवाली के बाद प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दो कारकों पटाखे फोड़ने और पराली जलाने के कारण होती है. इस मामले में आतिशबाजी प्रमुख कारण है.’’ सोमवार शाम चार बजे समाप्त 24 घंटों में एक्यूआई गाजियाबाद में 186 से बढ़कर 349, गुरुग्राम में 193 से 349,
 नोएडा में 189 से 363, ग्रेटर नोएडा में 165 से 342 और फरीदाबाद में 172 से 370 हो गयी. इन जगहों पर जमकर पटाखे फोड़े जाने की खबरें आ रही हैं. दिल्ली के भीतर आरके पुरम (402), 
जहांगीरपुरी (419), बवाना (407) और मुंडका (403) सहित कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी (एक्यूआई 400 और 450 के बीच) तक पहुंच गया.  
 
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के विश्लेषण के मुताबिक इस साल दिवाली के दिन राष्ट्रीय राजधानी में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर में पिछले साल की दिवाली वाले दिन के मुकाबले क्रमश: 45 प्रतिशत और 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई. प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में लगभग सभी वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने पिछले वर्ष की तुलना में दिवाली के दिन प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दर्ज की. 

डीपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली (रविवार) को दिल्ली की 24 घंटे का औसत पीएम10 स्तर 430 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो पिछले साल 322 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है जबकि 2021 में यह स्तर 748 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था. आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में 24 घंटे का औसत पीएम2.5 जमाव 314 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल यह 217 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 2021 में 607 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था. 

डीपीसीसी के आंकड़ों के अनुसार अलीपुर, पटपड़गंज, नजफगढ़, कर्णी सिंह शूटिंग रेंज और ओखला को छोड़कर, सभी निगरानी केंद्रों(कुल 24) में 2022 की तुलना में 2023 में पीएम10 के स्तर में वृद्धि देखी गई. आंकड़ों के मुताबिक श्री अरबिंदो मार्ग, विवेक विहार और कर्णी सिंह शूटिंग रेंज को छोड़कर सभी निगरानी केंद्रों पर पीएम2.5 के स्तर में वृद्धि देखी गई. डीपीसीसी ने कहा कि अमोनिया, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, ओजोन और बेंजीन सहित सभी गैसीय प्रदूषक निर्धारित मानकों की सीमा में दर्ज किए गए.


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