ऊंचे मूल्य की आशा से किसान बचाकर रख रहे गेहूं का स्टॉक – मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक घटी

 

वाणिज्य प्रतिनिधि.भोपाल

केंद्र सरकार ने 2017-18 के रबी मार्केटिंग सीजन हेतु गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1735 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जो 2016-17 सीजन के समर्थन मूल्य 1625 रुपए प्रति क्विंटल से 110 रुपए या 6.8 प्रतिशत ज्यादा है। मध्य प्रदेश के मुयमंत्री ने इस पर 265 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की है। इसका मतलब यह हुआ कि इस राज्य में किसानों से 2000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की सरकारी खरीद की जाएगी। मध्य मार्च से वहां गेहूं की खरीद शुरू होने की संभावना है। ऊंचे मूल्य की आशा से किसानों ने अपने गेहूं का स्टॉक बचाकर रखना शुरू कर दिया है जिससे मंडियों में इसकी आवक तेजी से घटने लगी।

मंडी स्थित अनाज व्यापारी संजीव जैन बताते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार पिछले मार्केटिंग सीजन के दौरान बेचे गए गेहूं पर किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस प्रदान करेगी। ऐसी प्रतीत होता है कि राज्य में इस वर्ष गेहूं का विशाल बंफर स्टॉक निर्मित हो सकता है क्योंकि तमाम किसान इस बहती गंगा में डुबकी लगाने का प्रयास करेंगे। किसान एक माह तक प्रतीक्षा करने के मूड में है और मध्य मार्च के बाद मंडियों में अपने गेहूं को उतारने की योजना बना रहे है। मध्य प्रदेश की विभिन्न मंडियों में गेहूं की घटती आवक के साथ कारोबार भी धीमी चल रहा है।

व्यापारियों को पहले उमीद थी कि नए माल की आवक शुरू होने पर गेहूं का भाव घटेगा मगर अब उन्हें लगता है कि कीमतों में शायद ज्यादा नरमी नहीं आ सकेगी। राज्य की मंडियों में गेहूं का औसत मूल्य 1650-1800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से इसकी खरीद आरंभ कर देगी। किसान केवल पुराने माल को बाजार में उतार रहे है। केंद्र सरकार ने 2018 के रबी मार्केटिंग सीजन में मध्य प्रदेश की मंडियों से 67 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है।


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