अब बीमारियों पर रिसर्च भी करेगा जीएमसी

प्रदेश के अन्य कॉलेजों को भी मिलेगा लाभ
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
राजधानी स्थित गांधी मेडिकल कालेज में संक्रामक बीमारियों की जांच के साथ ही उन पर शोध भी किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के सभी चिकित्सा विद्यालयों को गांधी मेडिकल कालेज से लिंक किया जाएगा। विशेष मौसम में किस क्षेत्र के लोगों को ज्यादातर किस किस प्रकार की और कौन-कौन सी संक्रामक बीमारी हो रही है, इसकी जानकारी, जांच तथा शोध के बाद लोगों को इन बीमारियों से बचाव के लिए उपाय किए जा सकेंगे। मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा विशेषज्ञों का चिकित्सीय अनुभव भी इन शोधों में काम आएगा। इन शोधों का सेंटर जीएमसी की बायोरालॉजी लैब को बनाया जा रहा है। इस लैब का काम तेजी से चल रहा है और अगले कुछ ही माहों में यह अस्तित्व में आ जाएगी।
प्रदेश में वर्तमान में (भोपाल, रीवा, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और सागर) 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। सरकार द्वारा इस वर्ष 6 नए मेडिकल कॉलेज की घोषणा की जा चुकी हैं । कामकाज की धीमी रफ्तार के बावजूद यह कॉलेज भी संभवत: आने वाले दो तीन साल में शुरू हो जाएंगे। इस तरह से प्रदेश में बड़ी संख्या में डॉक्टर निकलने लगेंगे। लेकिन इन सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के एक साथ लिंक हो जाने से प्रदेश में लोगों में बड़ रही बीमारियों पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी। गंभीर रोगियों को मिलेगा बेहतर उपचार प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों को एक साथ ऑन लाइन लिंक करने से इन कॉलेजों के अस्पतालों में रेफर होकर आए गंभीर बीमारियों के मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा। क्योंकि कई कॉलेजों में वह चिकित्सीय सुविधाएं रोगियों को नहीं मिल पाती जिनकी उन्हें जरूरत है।
कॉल पर आएंगे चिकित्सा विशेषज्ञ
इसके अलावा संबंधित मेडिकल कॉलेजों से वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों को भी जरूरत पडऩे पर कॉल पर बुलाया जा सकेगा। अभी यह स्थिति है कि जरूरत पडऩे पर विशेषज्ञ चिकित्सकों से संपर्क नहीं हो पाता है और मरीज को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। कई बार तो रोगी की बिना उपचार के जान भी चली जाती है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन सारी पक्रिया के लिए मेडिकल कॉलेजों में नए स्टाफ की भर्ती की जाएगी। ताकि मेडिकल कॉलेजों में टीचिंग स्टाफ के साथ क्लीनिकल स्टाफ की कमी न रहे।
उपकरण उपलब्ध कराए
जा रहे हैं
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में टीचिंग स्टाफ सहित जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। चिकित्सा छात्रों को गंभीर व संक्रामक बीमारियों की नई शोधों के बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि उनकी दक्षता और अनुभव का ज्यादा से ज्यादा मरीज को लाभ मिल सके।
> डॉ.उल्का श्रीवास्तव, डीएमई


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