MP: गरीबी ने रोके इस नेत्रहीन जूडो खिलाड़ी के कदम, वर्ल्ड कप में नहीं ले सकेगी हिस्सा

दिव्यांगों के लिए आयोजित जूडो नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुकी है यह दृष्टिहीन खिलाड़ी. (फाइल फोटो)

इरशाद हिंदुस्तानी, बैतूल: आर्थिक तंगी कई बार कामयाबी के रास्ते रोक देती है. ऐसा ही कुछ हो रहा है मध्य प्रदेश के बैतूल की नेत्रहीन मीना उइके के साथ. मीना अप्रैल में तुर्की के एंटालिया में होने जा रहे जूडो वर्ल्ड कप में शामिल नहीं हो सकेगी. दरअसल, इस स्पर्धा में शामिल होने के लिए करीब एक लाख रुपए का खर्च आ रहा है और मजदूरी करने वाले उसके माता-पिता इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करने में असफल हैं.

बैतूल के झगड़िया गांव में रहने वाली मीना उइके (21) को अब तक कोई मदद नहीं मिली है. खेल विभाग ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में उसका इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले पाना लगभग नामुमकिन लग रहा है. इस प्रतियोगिता में वह इसलिए भी हिस्सा लेना चाहती थी क्योंकि फरवरी में उसने लखनऊ में हुई दिव्यांगों की जूडो नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. जीत से उत्साहित मीना इस क्षेत्र में नाम कमाना चाहती है.


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