शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, 60,000 आदिवासियों के खिलाफ क्रिमिनल केस वापस लिए जाएंगे

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. (फाइल फोटो)

संदीप भम्मकर, भोपाल: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मुजफ्फर नगर और शामली में हुए दंगों के 131 मामले वापस लेने के फैसले के बाद सरकार ने आदिवासियों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने का ऐलान किया है. सरकार ने करीब 60 हजार आदिवासियों के खिलाफ दर्ज आपरीधिक मुकदमेंं वापस लेने का फैसला लिया है. जिला आदिवासी विकास समितियों ने केस वापसी की तैयारी भी शुरू कर दी है.

बताया जा रहा है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद हर जिले में आदिवासियों पर दर्ज आपराधिक मुकदमों की पड़ताल शुरू कर दी गई है. केस वापसी के अलावा नक्सल इलाकों में पुलिस भर्ती में आदिवासियों को प्राथमिकता देने की बात भी कही गई है.

एक अनुमान के मुताबिक इस फैसले के बाद प्रदेश के करीब 60 हजार आदिवासियों पर दर्ज मुकदमे वापस से लिए जाएंगे. इसके पीछे सरकार यह तर्क दे रही है कि ये सामान्य प्रवृत्ति के आपराधिक मामले हैं इसलिए इन्हे वापस लेने का फैसला लिया गया है. प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री लाल सिंह आर्य ने इसे मध्य प्रदेश के आदिवासियों के लिए ऐतिहासिक फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि इस कदम से प्रदेश के आदिवासियों को बड़ी राहत मिलेगी.

फैसले ने उड़ाई कांग्रेस की नींद
वहीं, आदिवासियों को लेकर एमपी सरकार का ये फैसला कांग्रेस की नींद उड़ाने के लिए काफी है. इसकी बड़ी वजह यह है कि अब तक आदिवासी कांग्रेस का वोट बैंक माने जाते थे. लेकिन, सरकार बीते कुछ दिनों से आदिवासियों के लिए लगातार ऐसी घोषणाएं कर रही है जिससे कांग्रेसी खेमे में हलचल होना स्वाभाविक है.


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