गहलोत के पास बहुमत है तो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की जरूरत क्यों: राज्यपाल

नई दिल्ली: हर गुजरते दिन के साथ राजस्थान में सत्ता का संघर्ष दिलचस्प मोड़ ले रहा है. मुख्यमंत्री आवास और होटल से होते हुए लड़ाई अब राज्यपाल निवास यानि राजभवन तक पहुंच गई है. विधानसभा सत्र नहीं बुलाने से राज्यपाल से नाराज अशोक गहलोत ने पहले चेतावनी दी कि अगर जनता राजभवन का घेराव करेगी तो उनकी जिम्मेदारी नहीं होगी. इसके बाद गहलोत समर्थक विधायकों ने राजभवन में 5 घंटे तक धरना दिया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी चिट्ठी लिखकर अशोक गहलोत पर पलटवार किया. राज्यपाल ने कहा कि सरकार राज्यपाल की रक्षा भी नहीं कर सकती. राज्यपाल ने गहलोत सरकार से पूछा कि जब आपके पास बहुमत है तो विधानसभा सत्र बुलाने की जरूरत क्या है? आज कांग्रेस पूरा राजस्थान में बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.

अशोक गहलोत अब राज्यपाल कलराज मिश्रा के खिलाफ खुलकर आ गए हैं. गहलोत का आरोप है कि बार-बार कहने के बावजूद राज्यपाल विधानसभा सत्र इसलिए नहीं बुला रहे हैं क्योंकि उन पर बीजेपी का दबाव है. गहलोत ने तो यहां तक कह दिया कि अगर जनता राजभवन घेरने आ गई तो उन्हें दोष ना दिया जाए.

राज्यपाल ने गहलोत सरकार को चिट्ठी लिखकर 7 सवाल पूछ डाले:  

पहला सवाल: अगर सरकार के पास पहले से बहुमत है तो विधानसभा सत्र बुलाकर बहुमत परीक्षण की ज़रूरत क्या है?
दूसरा सवाल: अल्प सूचना पर सत्र बुलाने की न कोई वजह और न ही एजेंडा बताया गया है
तीसरा सवाल: सामान्य हालात में 21 दिन का नोटिस देना अनिवार्य होता है।
चौथा सवाल: कैबिनेट नोट में विधानसभा सत्र की कोई तारीख नहीं बताई गई है न ही कैबिनेट ने सत्र के लिए कोई मंज़ूरी दी है
पांचवां सवाल: कुछ विधायकों की अयोग्यता का मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है
छठा सवाल: कोविड-19 के हालात को देखते हुए विधानसभा सत्र कैसे बुलाया जाएगा?
सातवां सवाल: सभी विधायकों की स्वतंत्रता और आने-जाने की आज़ादी सुनिश्चित करें.

राज्यपाल के इन सभी सवालों के जवाब देने के लिए अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर कैबिनेट बैठक बुलाई. इधर बीजेपी ने अशोक गहलोत को घेरा और कहा कि एसओजी चीफ और गहलोत परिवार के व्यापारिक रिश्ते हैं. राजस्थान के मामले पर कई दिनों से चुप्पी साधे रहे राहुल गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया.

 

कांग्रेस आज बीजेपी के खिलाफ पूरे राजस्थान में धरना प्रदर्शन करेगी. जानकारों का मानना है कि वैसे तो राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करते हैं लेकिन अभी विशेष परिस्थिति है. बागी विधायकों का मामला कोर्ट में है. ऐसे में राज्यपाल अपने हिसाब से फैसला ले सकते हैं.


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