विराट कोहली ने कही बड़ी बात, ‘चोट से फर्क नहीं पड़ता, बस आउट होना नहीं चाहता’

नई दिल्ली: भारतीय टीम के 2014 के इंग्लैंड दौरे पर विराट कोहली का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था. 5 टेस्ट मैचों में उनका औसत 13.50 का रहा था. विराट कोहली (Virat Kohli) हालांकि उस दौरे को निराशा के तौर पर नहीं देखते हैं. कोहली ने अपनी टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के शो ओपन नेट्स विद मयंक पर बात करते हुए कहा, ‘2014 के इंग्लैंड दौरे पर बात यह थी कि मैं स्थितियों से तालमेल नहीं बिठा पाया था और जो मैं करना चाहता था, वो कर रहा था और उसे लेकर जिद्दी था। किसी चीज के बारे में जिद पकड़ने से कोई फायदा नहीं होता, इसे समझने में काफी देर हुई लेकिन मुझे इसका अहसास हो गया.’

उन्होंने कहा, ‘2014 का दौरा मेरे करियर में हमेशा एक मील के पत्थर की तरह रहेगा. मैंने इसे लेकर काफी सोचा था कि उस दौरे से पहले मैं किस तरह मैच में जाता था, मैं किस तरह से खेलता था। इसके बाद मैं निडर होने लगा.’ कोहली ने कहा, ‘मैंने यह महसूस किया कि टेस्ट क्रिकेट में जब चीजें मुश्किल होती हैं तो एक क्रिकेटर के लिए शांतचित रहना जरूर होता है और यही चीज मुझे सुधारने की जरूरत थी.’

उन्होंनें कहा, ‘अगर ये टूर नहीं होता तो मैं उसी तरह से खेलता रहता और सुधार नहीं कर पाता. उस दौरे ने मुझे सोचने को मजबूर किया कि मैं कैसे अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर को लेकर आगे बढ़ूं.’ कोहली ने कहा कि इंग्लैंड दौरे पर 1-3 से मिली हार के बाद रवि शास्त्री की सलाह ने उनके लिए काफी काम किया.

उन्होंने कहा, ‘रवि भाई ने मुझे और शिखर को 2014 की टेस्ट सीरीज के बाद अपने कमरे में बुलाया. उनकी समझ काफी तेज है. उन्होंने मुझसे कहा कि क्रीज के बाहर खड़े रहो और उन्होंने इसके पीछ की मानसिकता के बारे में बताया. उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या मैं शॉर्ट गेंद से डरता हूं? मैंने कहा, मैं शॉर्ट पिच गेंदों से डरता नहीं हूं. मुझे चोट से फर्क नहीं पड़ता, मैं बस आउट होना नहीं चाहता. मैंने इसका अभ्यास उसी साल आस्ट्रेलिया में किया और परिणाम अविश्वसनीय रहे.’


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