शिवराज मामा की सरकार फिर शुरू करेगी मामाजी माणिक चंद्र वाजपेयी पुरस्कार

भोपाल: राष्ट्रीय पत्रकारिता अवॉर्ड पाने वाले पत्रकार, मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी पर सियासत तेज हो गई है. शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक विद्वेष के कारण कांग्रेस ने ‘माणिकचंद वाजपेयी पत्रकारिता सम्मान’ पुरस्कार को देना बंद कर दिया था लेकिन हम फिर से यह पुरस्कार शुरू करने का निर्णय लिया है. मध्यप्रदेश सरकार मामा जी के नाम पर पुनः पुरस्कार देगी. शिवराज सिंह ने ट्वीट करके कहा कि इस साल स्व.माणिकचंद वाजपेयी की जन्मशताब्दी वर्ष मनाएगी सरकार.

बता दें कि जन्मशताब्दी के अवसर पर मध्य प्रदेश की अकादमियों द्वारा समारोह आयोजित किया गया था. जिसका का समापन आयोजित 7 अक्टूबर बुधवार को उनके जन्म के 100 वर्ष पूरे होने ग्वालियर, भोपाल और इंदौर द्वारा आयोजित किया जाएगा.

कमलनाथ ने आयोजन निरस्त किया
प्रदेश के तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने माणिकचन्द्र वाजपेयी पर हिन्दुत्व विचारधारा के समर्थक होने का आरोप लगाते हुए प्रतिवर्ष होने वाले मामा जी माणिक चंद्र वाजपेयी पुरस्कार के आयोजन को निरस्त कर दिया था.

कौन है माणिकचन्द्र वाजपेयी
स्व. माणिकचन्द्र वाजपेयी का जन्म 7 अक्टूबर 1919 को वटेश्वर जिला आगरा (उ.प्र.) में हुआ था. उन्होंने लहरौली जिला भिण्ड से प्रकाशित ‘देशमित्र’ के सम्पादक के रूप में पत्रकारिता की शुरूआत की थी. वे दैनिक स्वदेश, इंदौर से पत्र के स्थापना वर्ष 1966 से ही जुड़े हुए थे और 1968 से 1985 तक इसके सम्पादक रहे. उन्होंने ‘स्वदेश’ भोपाल, जबलपुर, सागर व रायपुर, बिलासपुर के सलाहकार सम्पादक तथा स्वदेश ग्वालियर, गुना तथा झांसी के प्रधान सम्पादक के रूप में 1987 से 2005 तक पत्रकारिता की नई पौध का अंतिम समय तक पथ प्रदर्शन करते हुए 25 दिसम्बर 2005 को उन्होंने अंतिम सांस ली.


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