कोलंबो: श्रीलंका की सरकार ने बेजुबान भूखे हाथियों के झुंडों को मानव आबादी के क्षेत्र से बाहर रखने के लिए अपने लैंडफिल यानी कचरा भराव क्षेत्र के पास एक गहरी खाई खोदी है. सरकार ने यह कदम जानवरों और ग्रामीणों के बीच होने वाले संघर्ष को कम करने के लिए उठाया है. श्रीलंका में दर्जनों हाथी जंगल से रोजाना बाहर निकलकर पूर्वी शहर अम्पारा के पास पड़े कूड़े के ढेर में जाते हैं. कचरे के ढेर के पास झुंड में आए हाथियों से क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है.
सरकार अब यहां जानवरों के आवागमन को रोकने के लिए आस-पास खाईयों को खुदवा रही है. नजदीकी क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि जंगली जानवरों के आने से यहां के हालात बदतर होते जा रहे हैं. लैंडफिल में आने वाले जंगली हाथी दिन-रात यहां घूमते हैं. वे आस-पास के पड़ोसी गांवों में भी चले जाते हैं और ग्रामीण लोगों की संपत्ति और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में यहां पर इंसानों और हाथियों के बीच छिड़ी जंग से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. पर्यावरण समूह के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में 361 हाथियों की मौत मनुष्यों के कारण हुई है जो कि एक बड़ा रिकॉर्ड है.
श्रीलंका में लगभग 7,500 जंगली हाथी हैं. पालतू हाथियों को द्वीप पर प्रतिष्ठित किया जाता है और पूरे वर्ष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उपयोग में लाया जाता है. यह लैंडफिल श्रीलंका में वन्यजीव संरक्षण क्षेत्रों के बगल में ही है. स्थानीय पर्यावरण समूहों ने बताया कि कूड़े के ढेरों से ये हाथी जूठन से निकली या सड़ी गड़ी खाद्य सामग्री के अलावा प्लास्टिक भी खाते नजर आते हैं जिससे कंज्यूम करने से भी उनकी मौत हो जाती है.
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