Dormant Bank Account: इस हरकत से बंद हो सकता है आपका अकाउंट, नहीं कर पाएंगे कोई लेनदेन, हो सकता है नुकसान

Banking Tips: देश में करोड़ों लोगों के पास बैंक अकाउंट है. इन बैंक अकाउंट में लोग अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखते हैं. हालांकि कई बार लोगों को अपनी गलतियों के कारण नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इन्हीं नुकसान में बैंक अकाउंट से जुड़ा नुकसान भी शामिल है. दरअसल, कई बार लोगों का बैंक अकाउंट भी बंद हो जाता है. इसके पीछे भी एक अहम वजह रहती है. आइए जानते हैं इसके बारे में…

इनएक्टिव हो सकता है बैंक अकाउंट

कई बार अगर किसी बैंक अकाउंट में कोई भी गतिविधि लंबे वक्त के लिए नहीं होती है तो बैंक अकाउंट बंद भी हो सकता है. दरअसल, अगर किसी सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट में दो साल तक कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं होता है तो बैंक अकाउंट को इनएक्टिव या फिर डोरमेंट अकाउंट माना जाएगा. आरबीआई के नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर किसी बचत या चालू बैंक अकाउंट में दो साल से ज्यादा वक्त तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं होता है तो ऐसे बैंक अकाउंट को इनएक्टिव या डोरमेंट अकाउंट के तहत रखा जाएगा और इनके लिए एक अलग लेजर का इस्तेमाल होगा. इसके तहत ट्रांजैक्शन से मतलब डेबिट और क्रेडिट से है.

नहीं कर पाएंगे ये काम

वहीं अगर कोई अकाउंट डोरमेंट या इनएक्टिव हो जाता है तो लोगों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ सकता है. इस दौरान लोग बैंक अकाउंट में लॉग-इन नहीं कर पाएंगे, कोई पेमेंट नहीं कर पाएंगे, किसी को पैसे भेज नहीं पाएंगे और अकाउंट से पैसे निकाल भी नहीं पाएंगे. जानकारी के मुताबिक जब भी कोई बैंक अकाउंट डोरमेंट हो जाता है कि उस बैंक अकाउंट से जुड़े सभी क्रेडिट और डेबिट ट्रांजैक्शन को ब्लॉक कर दिया जाता है. इस दौरान लोगों को यूपीआई, NEFT, RTGS आदि करने की भी अनुमति नहीं होती है. इसके साथ ही चेक बुक या डेबिट कार्ड से होने वाले लेनदेन को भी ब्लॉक कर दिया जाता है.

ऐसे करना होगा वापस एक्टिव

आरबीआई का कहना है कि चाहे कोई सेविंग अकाउंट एक्टिव हो या फिर ना हो, उन सेविंग बैंक अकाउंट में ब्याज जरूर दिया जाएगा. वहीं इन एक्टिव या डोरमेंट अकाउंट को फिर से एक्टिव भी करवाया जा सकता है. इसके लिए कुछ दस्तावेज बैंक में जरूर जमा करने होंगे. डोरमेंट और इनएक्टिव अकाउंट को फिर से शुरू करने के लिए उस बैंक की ब्रांच में जाना होगा, जिसमें आपका खाता है. इसके बाद वहां पर बैंक अकाउंट को फिर से शुरू करने के लिए आवेदन करना होगा. साथ ही आपको सेल्फ-अटेस्टेड पहचान प्रमाण पत्र भी जमा करने होंगे. इसके बाद अपने बैंक अकाउंट से कोई ट्रांजैक्शन करना होगा, बैंक अकाउंट वापस एक्टिव हो जाएगा.


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