लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) का शेयर शुक्रवार को बीएसई, एनएसई पर 52 हफ्ते के हाई लेवल पर पहुंच गया. कारोबारी सत्र के दौरान इंश्योरेंस कंपनी के शेयर ने 803 रुपये का हाई लेवल टच किया. इसी दौरान यह शेयर 769.65 लेवल तक भी गया और बाद में 773.80 रुपये पर बंद हो गया. एलआईसी के शेयर के 52 हफ्ते के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद कंपनी का मार्केट कैप फिर से 5 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया.
मार्केट कैप के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी पीएसयू
एलआईसी के शेयर में एक दिन पहले आई उछाल के साथ, मार्केट कैप के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी पीएसयू बन गई. इस पूरे सप्ताह में शेयर में 11 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई. जानकारों का मानना है कि पिछले दिनों पेश की गई ‘जीवन उत्सव’ योजना के कारण एलआईसी का मार्केट कैप तेजी से बढ़ा है. दूसरी तरफ कुछ जानकार एलआईसी के मार्केट कैप में हुई बढ़ोतरी के लिए अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में आई तेजी भी मान रहे हैं. आपको बता दें अडानी ग्रुप की कंपनियों में पिछले कुछ दिनों में जबरदस्त तेजी देखी गई है.
15 लाख करोड़ के पार अडानी ग्रुप का मार्केट कैप
गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर में आई तेजी का असर है कि ग्रुप का मार्केट कैप बढ़कर करीब 15 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके साथ ब्लूमबर्ग बिलनेनियर इंडेक्स में गौतम अडानी की नेटवर्थ बढ़कर 88 बिलियन डॉलर के पार चली गई है. वह पिछले दो हफ्ते से भी कम के समय में 22वें पायदान से उछलकर 14वें नंबर पर पहुंच गए हैं. उनके ऊपर लिस्ट में 13वें नंबर पर मुकेश अंबानी हैं. इसी तरह उनके शेयरों की रफ्तार बढ़ी तो वह देश के सबसे अमीर कारोबारी अंबानी को पीछे छोड़ सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला हक में आने की उम्मीद
स्टॉक बॉक्स के रिसर्च एनालिस्ट श्रेयांश शाह ने जी मीडिया से बातचीत में कहा ‘अडानी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी होने के कारण बीमा कंपनी के शेयर में तेजी को सही मान सकते हैं. अडानी ग्रुप को ‘क्लीन चिट’ मिलने के बाद इसे शेयरों की मजबूत वापसी के लिए जिम्मेदार मान सकते हैं.’ आपको बता दें अमेरिकी एजेंसी और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अडानी के हक में फैसला आने की उम्मीद बढ़ रही है. इसके अलावा एलआईसी की जीवन उत्सव योजना को मिली मजबूत प्रतिक्रिया के अलावा विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी के मजबूत प्रदर्शन से भी बाजार को सपोर्ट मिला है. दो राज्यों में बीजेपी की वापसी से पीएसयू शेयरों के प्रति निवेशकों की धारणा में सुधार हुआ है. लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में कंपनी की मजबूत स्थिति, बड़े मार्केट कैप के कारण शेयर में लॉन्ग टर्म के हिसाब से निवेश करना समझदारी भरा फैसला हो सकता है.
एलआईसी में तेजी के कई कारण
पेस 360 के को-फाउंडर और चीफ ग्लोबल स्ट्रेटजिक अमित गोयल की भी भी कुछ इसी तरह की राय है. उन्होंने कहा, एलआईसी के शेयर की कीमत हाल के दिनों में बढ़ रही है. इसके पीछे कई कारण हैं, इसमें सबसे अहम इस साल इकट्ठा किये गए प्रीमियम में इजाफा है. स्टॉक बढ़ने का कारण बेहतर मुनाफे की संभावनाएं है. शेयर मार्केट के साथ ही पिछले कुछ दिनों में अडानी ग्रुप के शेयरों ने जबरदस्त वापसी की है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद जिस तरह से अडानी ग्रुप के शेयर नीचे गिरे, उसके बाद शेयर में रिकवरी से एलआईसी का निवेश दोगुना हो गया है. इसके अलावा बीमा कंपनी के शेयर की कीमत भी बढ़ रही थी, जिससे फायदा हुआ है. अडानी के शेयरों में एलआईसी की हिस्सेदारी अब बढ़कर 56,629 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
दिसंबर 2022 तक, एलआईसी के पास अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में हिस्सेदारी-
अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड—9.1%
अडानी एंटरप्राइजेज—4.2%
अंबुजा सीमेंट्स—6.3 प्रतिशत
एसीसी—6.4 प्रतिशत
अडानी ग्रीन एनर्जी—-1.3 प्रतिशत
अडानी टोटल गैस—6 फीसदी
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस—-3.7 फीसदी
अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट साल की शुरुआत में आने के बाद अडानी के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई. इससे ग्रुप के मार्केट कैप में 100 बिलियन डॉलर की गिरावट आई. अब एक अमेरिकी एजेंसी की तरफ से ग्रुप को क्लीन चिट दी गई है आरैर हिंडनबर्ग की तरफ से अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों में किसी तरह की सच्चाई नहीं होने की बात कही गई है. इसके बाद ग्रुप के शेयरों में तेज उछाल आया.

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