पासपोर्ट में माता-पिता की जगह दे सकते हैं लीगल गार्जियन का नाम

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
केंद्र सरकार ने पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया को और ज्यादा आसान कर दिया है। अब पासपोर्ट के लिए माता-पिता का विवरण देना आवश्यक नहीं है। इसकी जगह आप अभिभावक या लीगल गार्जियन का नाम भी दे सकते हैं। इसमें कोई साधु-संत अपने आध्यात्मिक गुरू का नाम भी दे सकते हैं।
मालूम हो कि आज के समय में पासपोर्ट काफी जरूरी कागजात है। इसे बनवाने की प्रक्रिया अब आसान होने वाली है। एक भी दस्तावेज या जानकारी अधूरी होने के कारण महीनों पासपोर्ट कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट नियमों में कई बड़े बदलाव किये हैं। अभी तक मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर रखा था। अब शादीशुदा और तलाकशुदा लोगों के लिए भी बदलाव किये हैं। भोपाल क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अनुसार, पासपोर्ट बनवाने के लिए अभी तक 26 जनवरी, 198 9 या उसके बाद जन्म लिए लोगों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य था। लेकिन अब नगर निगम के रजिस्ट्रार, जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार के साथ किसी भी सर्टिफाइड अथॉरिटी से बनवाया गया बर्थ सर्टिफिकेट मान्य होगा। किसी एकेडमिक बोर्ड की तरफ से किसी एकेडमिक बोर्ड की तरफ से जारी किया गया ट्रांसफर या स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट भी पूरी तरह से मान्य होगा। इसके साथ ही दूसरे कागजात जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड या ई-आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड भी मान्य होंगे।
कॉलम की संख्या घटी
पासपोर्ट फॉर्म में कॉलम की संख्या को 15 से घटाकर 9 कर दिया है। इसमें ए, सी, डी, ई और जे को हटा दिया गया है। वहीं कुछ कॉलम को मिला दिया गया है।
सत्यापन
पहले सभी कॉलम एक नोटरी/ कार्यकारी मजिस्ट्रेट / फस्र्ट क्लास न्यायिक मजिस्ट्रेट से सत्यापन (अटेस्टेशन) करना होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आवेदक एक ब्लैंक पेपर पर सेल्फ डिक्लेरेशन दे सकता है।


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