63 लाख की गड़बड़ी करने वाले सीएमओ की दोबारा होगी डीई

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष और पार्षदों के दबाव में 6 3 लाख रुपए की गड़बड़ी करने वाले एक सीएमओ को उसकी बर्खास्तगी के खिलाफ हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है। इधर, कोर्ट के निर्देश के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इस अफसर की दोबारा नए सिरे से विभागीय जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, राज्य शासन ने भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने पर सतवास नगर परिषद के तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी सतीश घावरी को निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की थी। अधिकृत जानकारी के अनुसार, सतवास नगर परिषद को विकास कार्यों के लिए राज्य शासन से 6 2 करोड़ 8 3 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। उस समय प्रभारी सीएमओ घावरी ने 6 3 लाख 6 4 हजार रुपए अन्य मद में खर्च कर दिए थे। यह मामला उजागर होने पर राज्य विभाग ने घावरी को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी थी। उन्होंने 16 जनवरी 2017 को नगरीय विकास एवं आवास विभाग के दिए गए अपने जवाब में यह स्वीकार किया था कि उनके द्वारा इस योजना में स्वीकृत राशि का अन्य कार्यों में उपयोग किया गया है। साथ ही यह कार्यवाही नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों के दबाव में की गई। इस स्वीकारोक्ति के बाद विभाग ने पिछले साल 25 जनवरी को पैनाल्टी व रिकवरी करने के आदेश जारी करने के साथ ही घावरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया था।
घावरी ने राज्य शासन के इस फैसले को इंदौर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इस पर स्टे दे दिया। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि शासन चाहे तो घावरी के मामले में नए सिरे से विभागीय जांच कर सकता है। कोर्ट के आदेश के बाद घावरी ने कांटाफोड़ नगर परिषद में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इधर, विभाग ने उनकी दोबारा विभागीय जांच शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं।


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