ई-टेंडरिंग लागू, कंप्यूटर भी नहीं चला पाते इंजीनियर

लापरवाही ॥ नगर निगम में अक्षम सहायक व उपयंत्री के भरोसे ई-फाइलिंग
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
नगर निगम के यांत्रिकी विभाग में विकास कार्यों की फाइलें कम्प्यूटर पर ही तैयार करना है। इतना ही नहीं ई-टेंडरिंग की व्यवस्था को भी लागू कर दिया गया है। चार लाख रुपए तक के टेंडर जोन से ही सहायक यंत्री कर सकेंगे, परन्तु उन्हें ई-टेंडरिंग अपने ई-मेल एकाउंट से करना है और यही व्यवस्था सहायक यंत्री के लिए सिर दर्द का करण बन गई है। यांत्रिकी विभाग के ज्यादातर सहायक व उपयंत्री को कम्प्यूटर चलाना ही नहीं आता। ऐसे में जबकि उन्हें कम्प्यूटर चलाने के साथ-साथ ई-फाइलिंग का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
नगर निगम प्रशासन ने एमएएस (म्यूनिसीपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम) को पूरी तरह लागू कर दिया है। एमएएस के माध्यम से फाइलें तैयार होगी और इस्टीमेट तैयार करने के अलावा नक्शा बनाने का काम भी एमएएस पर ही होगा। एमएएस पर विकास कार्यों की फाइलें तैयार करने का काम पहले एक-एक, दो-दो दिन में होता था, वह अब मिनटो में होने लगा है, परन्तु उपयंत्री व सहायक यंत्री फाइलें तैयार करने की बजाए निगम प्रशासन द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ की मदद ले रहे है। नगर निगम प्रशासन ने यांत्रिकी विभाग के सभी सहायक यंत्रियों को कम्प्यूटर उपलब्ध करा दिए है। यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री, एमआईसी सदस्य व पार्षदों के साथ मिलकर इस व्यवस्था को दो साल पहले फैल करने पर तुले थे और कह रहे थे कि इस व्यवस्था में बहुत समय लग रहा है, परन्तु निगम प्रशासन के कड़े रूख के कारण ई-टेंडरिग व ई-फाइलिंग व्यवस्था लागू हो गई। अब सहायक यंत्रियों को कम्प्यूटर पर फाइलें तैयार करने में समय की बचत नजर आ रही है, परन्तु कम्प्यूटर के ज्यादातर साफ्टवेयर पर काम करना सहायक व उपयंत्रियों को नहीं आता है। इसके बाद भी सहायक यंत्री विकास कार्य की फाइल व इस्टीमेट सहायकों की मदद से कम्प्यूटर पर तैयार करने लगे है। विकास कार्य का नक्शा आटोकेड पर तैयार करना होता है, परन्तु आटोकेड साफ्टवेयर पर काम नहीं आने के कारण सहायक यंत्री माइक्रोसाफ्ट आफिस साफ्टवेयर पर यह काम कर रहे है। नगर निगम प्रशासन ने सभी कार्यों को आनलाइन कर दिया है। बिल्डिंग परमीशन का मामला हो या फिर नगर निगम में जमा किए जाने वाले टैक्स मद की राशि का, सभी करो का भुगतान और कार्यों को आनलाइन कर दिया गया है। इतना ही नहीं पार्किंग शुल्क के लिए भी हैंड होल्ड डिवाइस का उपयोग शुरू कर दिया गया है। बजट बुकिंग भी आनलाइन ही रही है। नगर निगम में एकाउंट का काम भी डबल इंट्री डाटा सिस्टम पर हो रहा है, इसलिए बजट बुकिंग में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि आनलाइन से हटकर जो फाइलें अब तक तैयार होती थी, उसमें फाइलें गायब होना, फाइल बन जाने के बाद भी काम न होना, लम्बे समय तक सहायक या उपयंत्री फाइलों को दबाव बैठे रहते थे, लेकिन अब आनलाइन फाइलें तैयार होने से इन सारी समस्याओं का हल हो जाएगा।
कम्प्यूटर दिए, प्रिंटर नहीं दिया
नगर निगम प्रशासन ने यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्रियों को ई-फाइलिंग व ई-टेंडरिंग के लिए कम्प्यूटर उपलब्ध करा दिए है। साथ ही इन्टरनेट की सुविधा भी उपलब्ध करा दी है। विकास कार्यों की फाइलें कम्प्यूटर पर तैयार करने के साथ-साथ साफ्ट कॉपी में भी फाइल तैयार होगी, परन्तु ज्यादातर सहायक यंत्री को कम्प्यूटर के साथ प्रिंटर नहीं दिए जाने से एक अलग तरह की समस्या की सामना इन्हें करना पड़ रहा है।


facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें