फ्रेंड ऑफ दि डेड’ के बिना मुमकिन नहीं थी श्रीदेवी के पार्थिव शरीर की जल्दी ‘वतन वापसी’, जानें कौन हैं ये शख्स

 
मुंबई में अंतिम यात्रा के दौरान ट्रक में बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी का पार्थिव शरीर. (Reuters/28 Feb, 2018)

दुबई: भारतीय सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को भारत ले जाने की प्रक्रिया में शामिल एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि दुबई से भारत ले जाते समय अभिनेत्री ‘‘सोती हुई परी’’ की तरह लग रही थीं. गल्फ न्यूज ने बुधवार (28 फरवरी) को अपनी एक खबर में कहा कि अशरफ थमारस्सेरी श्रीदेवी के शव पर लेप लगाए जाने के बाद एक निजी विमान में ले जाने से पहले उन्हें आखिरी बार देखने वाले चुनिंदा लोगों में शामिल थे. उत्तर केरल के कोझिकोड जिले के रहने वाले 44 साल के कार्यकर्ता ने अखबार से कहा, ‘‘ऐसा लग रहा था जैसे कि वह शांति से सोई हुई हैं और कोई परी (स्लीपिंग ब्यूटी) हैं.’’ उन्होंने कहा कि 54 वर्षीय अभिनेत्री वैसी ही दिख रही थीं जैसे कि वह पर्दे पर या तस्वीरों में दिखती थीं.

अशरफ ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में आयी खबर के उलट उनके सिर पर चोट के कोई निशान नहीं थे. अशरफ पिछले 18 साल में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से दुनिया भर में पार्थिव शरीरों को भेजने में मदद करते रहे हैं. वह अब तक 4,700 से ज्यादा लोगों के शवों को उनके वतन भेजने में मदद कर चुके हैं. इस वजह से उन्हें यहां ‘फ्रेंड ऑफ दि डेड’ कहा जाता है.

अशरफ इस सेवा के लिए कोई पैसे नहीं लेते. कार्यकर्ता ने कहा कि श्रीदेवी के शव को तीन सफेद कपड़ों की चादरों में लपेटा गया था. उन्हें लकड़ी के एक साधारण ताबूत में ले जाया गया जिसकी कीमत 1,840 दिरहम (करीब 32,000 रुपये) है. दुबई स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए लेप संबंधी प्रमाणपत्र में अशरफ का नाम लिखा है.


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