चार दिन में नहीं लौटे तो हड़ताली कर्मी होंगे नौकरी से बर्खास्त

एनएचएम ने कसा शिकंजा
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
कामकाज छोड़कर पिछले 19 दिन से हड़ताल पर डटे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों पर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हड़तालियों को 12 मार्च तक ड्यूटी ज्वाइन न करने पर एकतरफा कार्यवाही की चेतावनी दी गई है। इधर हड़ताल पर अमादा संविदा कर्मचारी विभाग से नोटिस जारी होने के बाद भी आज काम पर नहीं लौटे। संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के कारण मिशन की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में डीपीएम, बीपीएम, डीसीएम, बीसीएम, ए.एन.एम, फार्मासिस्ट, लेब टेक्निशन सहित विभिन्न संवर्ग के 15 हजार कर्मचारी तैनात हैं इनमें से कई कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर 19 फरवरी से हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण टीकाकरण, दवा वितरण के साथ ही मिशन की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कल्याण सहित अन्य गतिविधियां प्रभावित हो रही है। नोटिस में कहा गया है कि हड़़ताल के कारण मिशन के खर्चें का ब्यौरा साफ्टवेयर पर दर्ज नहीं हो पा रहा जबकि आगामी वार्षिक कार्ययोजना को लेकर 15 मार्च को भारत सरकार स्तर पर चर्चा की जाना है। ऐसी स्थिति में आंदोलन के कारण एक तरफ मिशन की गतिविधियां प्रभावित हो रही है तो दूसरी तरफ भारत सरकार में मिशन की छवि पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक वेतन बढ़ोत्तरी तथा अप्रेजल के बाद नौकरी से न हटाए जाने संबंधी कर्मचारियों की दो मांगों पर विभाग द्वारा आंदोलन के पूर्व ही फैसला लिया जा चुका है लेकिन की नियमितीकरण की मांग ऐसी है जिसे पूरा केवल स्वास्थ्य विभाग के हाथ में नहीं है।
इधर कर्मचारियों पर चेतावनी का फिलहाल हो गई असर नजर नहीं आ रहा है। आज शाम के अलावा सोमवार तक का समय है, ऊंट किस करवट बैठता यह देखने वाली बात होगी।


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